दीपक के हौसले से 450 घरों में उजाला
divyang dipak give employement, कमर से नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर गया। लेकिन हिम्मत नहीं हारी और आज 450 लोगों को दीपक ने रोजगार दिया है।
सुनील शर्मा, सोलन। जिन लोगों को भगवान ने संपन्न बनाया, उन्हें भी जिंदगी से शिकायत रहती है, लेकिन यहां ऐसे भी लोग हैं जो समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सोलन निवासी 22 वर्षीय दीपक साहनी कभी चल फिर नहीं सकते थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आज उनका कारोबार छह राज्यों में फैला है।
दीपक को तीन माह की उम्र में स्पाइनल कार्ड यानी रीढ़ की हड्डी में कैंसर की समस्या हो गई थी। पीजीआइ चंडीगढ़ के चिकित्सकों ने कहा कि बचाना मुश्किल है। परिजनों ने हार नहीं मानी और इलाज करवाया। दीपक का जीवन तो बच गया, लेकिन कमर से नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर गया। इसके बाद दीपक ने व्हील चेयर पर पढ़ाई की। उन्होंने बिजनेस शुरू किया। आज उनकी दो कंपनियां सिरमौर और एक सोलन में हैं। छह राज्यों में कारोबार फैला है। उनके कारोबार से लगभग 300 डिस्ट्रीब्यूटर और 150 कर्मचारी जुड़े हैं।
बीकॉम में गोल्ड मेडलिस्ट
दीपक जमा दो इकोनोमिक्स में 99 फीसद अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक वन पर रहे। बीकॉम में एकाउंट में सौ में सौ अंक लेकर गोल्ड मेडलिस्ट बने। टैक्सेशन में ट्राई सिटी चंडीगढ़ में सातवां रैंक मिला। अब वह सीए कर रहे हैं।
अकेले संभाला करोड़ों का कारोबार
तेज दिमाग के धनी दीपक ने कम उम्र में ही कारोबार की बारीकियों को समझ लिया था। अब उनकी कंपनी आधार फूड्स के उत्पादों की बिक्री हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में कर रहे हैं।
खुद चलाते हैं कार
उन्होंने गाड़ी चलाना सीखना तब तक नहीं छोड़ा, जब तक वह सक्षम नहीं हो गए। 50 फीसदी अक्षम होने के बावजूद एसयूवी कार खुद चलाते हैं। लद्दाख जैसे मुश्किल क्षेत्रों में भी ड्राइङ्क्षवग कर चुके हैं।
2022 तक शुरू करूंगा एक्सपोर्ट : दीपक
दीपक साहनी ने बताया कि वह 2022 में देश से बाहर उत्पादों की सेल शुरू करेंगे। इसके लिए उन्होंने कई नए प्रोडक्ट लांच करने की योजना बनाई है। वह जल्द ही ऑर्गेनिक स्पासेज, इंस्टेंट नूडल, मसाले, आटा सहित कई प्रोडक्ट को विदेश में भेजेंगे।