पेंशनर के लिए संयुक्त सलाहकार समिति का गठन किया जाए
पेंशनर्स महासंघ ने पेंशनर के लिए संयुक्त सलाहकार समिति का गठन न किए जान
संवाद सूत्र, अर्की : पेंशनर्स महासंघ ने पेंशनर के लिए संयुक्त सलाहकार समिति का गठन न किए जाने की निंदा की है। पेंशनर्स महासंघ के प्रदेश महामंत्री इंदर पाल शर्मा ने कहा कि यह प्रदेश के 1.5 लाख पेंशनर के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर, 2019 को महासंघ के पालमपुर में हुए सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में दो माह के भीतर पेंशनरों के लिए संयुक्त सलाहकार समिति का गठन किए जाने की घोषणा की थी, जो आज तक पूरी नही हुई है। हैरानी की बात है कि सरकार ने कर्मचारी महासंघ की 27 तारीख को जेसीसी की बैठक बुलाई है, जिसमें कर्मचारियो के लिए नए वेतनमान को लागू करने का एजेंडा रखा गया है। पे-कमीशन की रिपोर्ट कैबिनेट में रखी जाती है और मंत्रीमंडल की मंजूरी के बाद सीधे सरकार इसकी अधिसूचना जारी करती है। जेसीसी की बैठक में केवल वेतन विसंगतियों व अन्य मांगों पर ही चर्चा होती है। जेसीसी की बैठक में केवल पेंशनरों की मांगों पर बात होनी चाहिए। सरकार को इसके लिए सभी समानांतर संघों से चार-चार सदस्यों को आमंत्रित कर के उनसे बात करनी चाहिए। सरकार इस भ्रम में न रहे की पेंशनर बंटे हुए हैं और वे कुछ भी नहीं कर सकते। यदि सरकार ने समय रहते पेंशनरों की प्रमुख मांगों को स्वीकार नहीं किया तो आगामी वर्ष होने वाले चुनाव निराशाजनक होंगे।