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आयुर्वेद विभाग से हटाए एसीएस संजय गुप्ता

सरकार ने आयुर्वेद घोटाले को लेकर निशाने पर आए अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता का तबादला कर दिया। उनपर तबादले की गाज आयुर्वेद विभाग के वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल के पत्र के आधार पर गिरी। कौशल ने आयुर्वेद विभाग में चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए पूर्व निदेशक संजीव भटनागर व एसीए संजय गुप्ता पर सवाल खड़े किए थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मेल पर भेजी गई शिकायत को आधार लेकर तबादला आदेश जारी किए गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 09:52 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 06:40 AM (IST)
आयुर्वेद विभाग से हटाए एसीएस संजय गुप्ता
आयुर्वेद विभाग से हटाए एसीएस संजय गुप्ता

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल सरकार ने आयुर्वेद घोटाले में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) संजय गुप्ता पर आरोप लगने के बाद उनसे आयुर्वेद विभाग छीन लिया है। आयुर्वेद विभाग का अतिरिक्त जिम्मा एसीएस (वन) रामसुभग सिंह को सौंपा गया है। सरकार की ओर से वीरवार को जारी अधिसूचना के तहत संजय गुप्ता अब एसीएस पशुपालन, जन शिकायत निवारण व वित्तायुक्त अपील का कार्यभार देखेंगे जो उनके पास पहले से अतिरिक्त तौर पर था।

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संजय गुप्ता पर कार्रवाई आयुर्वेद विभाग के वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल के पत्र के आधार पर हुई। कौशल ने आयुर्वेद विभाग में चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए पूर्व निदेशक संजीव भटनागर व एसीएस संजय गुप्ता पर सवाल उठाए थे। मुख्यमंत्री को ई-मेल की गई शिकायत को आधार लेकर गुप्ता पर कार्रवाई हुई। तय माना जा रहा है कि सरकार आयुर्वेद घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपेगी। आयुर्वेद विभाग में चिकित्सा उपकरणों की खरीद मामले में पूर्व निदेशक संजीव भटनागर सहित तीन आयुर्वेदिक डॉक्टरों को भी चार्जशीट थमाई जा चुकी है।

इस साल जून में यह घोटाला उजागर होते ही सरकार ने तकनीकी कमेटी को निलंबित कर दिया था। इस कमेटी में कांगड़ा जोन के उपनिदेशक डॉ. तेजस्वी विजय आजाद, जिला शिमला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. केडी शर्मा व जिला शिमला के संधू में तैनात उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी डॉ. शैली बंसल शामिल हैं। सरकार ने संजीव भटनागर को आयुर्वेद विभाग से तुरंत हटाया था। इससे पूर्व जैम पोर्टल संचालित करने वाले वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल को एक दिन के लिए निलंबित किया गया था। दैनिक जागरण ने उजागर किया था मामला

दैनिक जागरण ने आयुर्वेद विभाग में घोटाले को उजागर किया था। इस वर्ष के शुरू में आयुर्वेद विभाग में 11 चिकित्सा उपकरणों की खरीद हुई थी। इसके लिए 2.25 करोड़ रुपये का हेड बदल कर चिकित्सा उपकरण खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया। कैंची सहित कई उपकरणों की 245 डिस्पेंसरियों में आपूर्ति होनी थी। दैनिक जागरण ने इस गड़बड़झाले को 23 जून से सिलसिलेवार प्रकाशित करना शुरू किया। इसके बाद सरकार ने एक के बाद एक कार्रवाई की थी।


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