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बीबीएन में छठ पूजा के लिए घाट तैयार

पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की छठ पूजा के दूसरे दिन शुक्रवार को खड़ना पर्व मनाया गया। इस मौके पर उपवास करने वाले लोगों ने विशेष रूप से तैयार की की गई खीर से उपवास खोला। व्रत से एक दिन पहले खड़ना का उपवास करके इस व्रत के लिए शरीर को शुद्ध किया जाता है। शुक्रवार शाम से खीर खाने के बाद बिना पानी व अन्न के 32 घंटे तक उपवास शुरू होगा। इस विशेष आयोजन के लिए बद्दी के सनसिटी के समीप बने घाट को साफ करने के बाद साफ पानी से भरा गया

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 07:27 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:44 AM (IST)
बीबीएन में छठ पूजा के लिए घाट तैयार
बीबीएन में छठ पूजा के लिए घाट तैयार

संवाद सूत्र, बद्दी : पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की छठ पूजा के दूसरे दिन शुक्रवार को खड़ना पर्व मनाया गया। इस मौके पर उपवास करने वाले लोगों ने विशेष रूप से तैयार खीर से उपवास खोला। व्रत से एक दिन पहले खड़ना का उपवास करके इस व्रत के लिए शरीर को शुद्ध किया जाता है। शुक्रवार शाम से खीर खाने के बाद बिना पानी व अन्न के 32 घंटे तक उपवास शुरू होगा। इस विशेष आयोजन के लिए बद्दी के सनसिटी के समीप बने घाट को साफ करने के बाद पानी से भरा गया। यहां शनिवार शाम को पूर्वाचल के लोग डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देंगे। रविवार सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर इस व्रत को संपन्न किया जाएगा। इस मौके पर विशेष गीत का चाई बासा से बहंगिया गाया गया।

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बीबीएन में अन्य राज्य से दो लाख से अधिक कामगार उद्योगों में काम कर रहे हैं। वे इस दौरान पूजा के लिए अपने घर नहीं जा सकते हैं, जिसके चलते पूर्वांचल जन कल्याण कमेटी ने पूजा के लिए सभी आवश्यक सामान व तैयारी बद्दी में ही कर ली है। कमेटी की ओर से घाट का निर्माण किया गया है। सरसा, बालद व चिकनी नदी के किनारे घाट बना कर छठ पूजा की तैयारियां कर ली हैं। उपवास करने वाले व्रतधारी को परवतीन कहते हैं। परवतीन मूलकरणी देवी व ममता देवी ने बताया कि उन्होंने खड़ना के दिन गुड़ से बनी खीर को तैयार किया। इसे आम की लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया गया। पीतल का नया बर्तन खरीदा गया। इस मौके पर लोकगीत गाकर उपवास शुरू किया गया।

जन कल्याण समिति के उपाध्यक्ष पिटो सिंह ने बताया कि रविवार को सुबह सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद व्रत संपन्न होगा। लोगों का मानना है कि सूर्य देवता की पूजा इस व्रत में इसलिए की जाती है कि सभी देवी देवता प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन आज भी सूर्य देव हमारे साथ हैं। उन्होंने बीबीएनआईए के पदाधिकारियों से अपील की है कि सरसा व चिकनी नदियों में रसायनयुक्त पानी न डालें, जिससे उपवास के दौरान पानी में जाने वाली पूर्वांचल के लोगों को किसी प्रकार की एलर्जी व अन्य समस्या से जूझना न पड़े। शनिवार शाम को सनसिटी के सामने बालद नदी पर समिति की ओर से विशेष कार्यक्रम होगा। इसमें भोजपुरी कलाकार लोगों का मनोरंजन करेंगे। भंडारे का भी प्रबंध किया गया है।


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