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सोलन और कसौली को कभी नहीं भूले बिक्रमजीत कंवरपाल

उनका बचपन सोलन की गलियों में बीता। बिक्रमजीत कंवरपाल सोलन और कसौली को नहीं भूले।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 07:36 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 07:36 PM (IST)
सोलन और कसौली को कभी नहीं भूले बिक्रमजीत कंवरपाल
सोलन और कसौली को कभी नहीं भूले बिक्रमजीत कंवरपाल

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

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उनका बचपन सोलन की गलियों में और कसौली स्थित दी लॉरेंस स्कूल सनावर में बीता। आर्मी में मेजर के पद तक सेवाएं दी, फिर सेवानिवृत्ति के बाद बचपन के शौक को पूरा करने के लिए मायानगरी मुंबई का रुख किया। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के नामी अभिनेता बिक्रमजीत कंवरपाल की। उनका शनिवार को मुंबई के एक अस्पताल में कोरोना के कारण निधन हो गया। वह 20 अप्रैल से सेवन हिल्स अस्पताल के आइसीयू में उपचाराधीन थे।

बिक्रमजीत सोलन से दूर होने पर भी अपने घर व स्कूल को नहीं भूले। उनका घर सोलन में है और पढ़ाई दी लॉरेंस स्कूल सनावर से हुई। सोलन शहर के निवासी अशोक चक्र विजेता कर्नल कंवरपाल व ऊषा कंवरपाल के छोटे बेटे बिक्रमजीत कंवरपाल का जन्म 29 अगस्त, 1968 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सोलन के माल रोड स्थित हिम पब्लिक स्कूल से हुई थी। उसके बाद 1982 में दी लॉरेंस स्कूल सनावर में नौवीं कक्षा में प्रवेश लिया और 1986 बैच से जमा दो की परीक्षा पास की। 16 दिसंबर,1989 में सेना में कमीशंड लिया। 13 साल तक सेना में मेजर के पद तक सेवाएं देने के बाद चोट के चलते सेवानिवृत्ति ली थी। उसके बाद वर्ष 2003 में बॉलीवुड में एंट्री की।

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मुंबई में पाया मुकाम

बिक्रमजीत कंवरपाल ने मुंबई में शीर्ष अभिनेताओं के साथ काम किया। आरक्षण, डॉन, जंजीर, 1971, ग्रैंड मस्ती, हे बेबी, प्रेम रत्न धन पायो, जब तक है जान, मर्डर 2, पेज जैसी कई फिल्मों में प्रतिभा का लोहा मनवाया। वह 2019 में लॉरेंस स्कूल के ही पूर्व छात्र की मेघदूत नाम से फिल्म की शूटिंग के लिए और उसके बाद अपने बैचमेट व फिल्म निर्देशक अपूर्वा लाखिया की ओर से निर्देशित वेबसीरीज क्रैकडाउन की शूटिंग के लिए कसौली आए थे। बिक्रमजीत 2011 में लॉरेंस स्कूल सनावर के स्थापना दिवस और अपने 1986 बैच के पासआउट होने की 25वीं सालगिरह मनाने के लिए कसौली आए थे।

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सियाचीन पर फिल्म बनाने के लिए कर रहे थे तैयारी

एक सैन्य अधिकारी रहे होने के कारण वह सियाचीन की विषम परिस्थितियों से अवगत थे। इसको वह पर्दे पर दिखाने की तैयारी कर रहे थे। काफी समय से सियाचीन की कहानी लिख रहे थे। उनका देशप्रेम भी कम नहीं था। अभिनेता होने के नाते 2016 में पाकिस्तान की नामी कंपनियों के दो विज्ञापन ऑफर हुए थे, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिए थे।

लॉरेंस स्कूल सनावर के हेडमास्टर व स्कूल में बिक्रमजीत कंवरपाल के जूनियर रहे हिम्मत सिंह ढिल्लों ने बताया कि वह एक शानदार कलाकार होने के साथ एक बेहतरीन सीनियर भी थे। उनका निधन बहुत दुखद है। स्कूल में ही उनके जूनियर रहे फिल्म निर्देशक इकबाल रिजवी ने कहा कि उनके निधन की खबर सुन स्तब्ध हूं।


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