यहां एटीएम कार्ड से मिलता है दूध
मनमोहन वशिष्ठ सोलन सोलन जिले के सबसे बड़े बातल गांव में लोग एटीएम कार्ड के माध्यम से दूध खर
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
सोलन जिले के सबसे बड़े बातल गांव में लोग एटीएम कार्ड के माध्यम से दूध खरीदते हैं। लोगों को बाजार के दूध के बजाय अब पौष्टिक दूध मिल रहा है। यह प्रयास है बातल गांव निवासी राजेंद्र सुमन व राजेश का।
राजेंद्र सुमन ने पिछले वर्ष जून 2020 में दूध उत्पादन शुरू किया और आज वह अच्छी कमाई कर रहे हैं। उनके पास छह गाय हैं। इनमें से पांच दूध दे रही हैं। रोजाना 40 से 50 लीटर दूध इन गायों का होता है। इसके अतिरिक्त आसपास के गांवों से 100 लीटर दूध एकत्रित करते हैं। 150 लीटर दूध में से 70 लीटर की खपत होती है और बाकी बचे दुध से घी व अन्य सामान तैयार किया जाता है। इनकी खपत अर्की, बातल व कुनिहार में होती है। लाकडाउन के दौरान शुरू किए गए व्यवसाय में अभी दो लोगों का वेतन व पशुशाला में काम करने वालों का भी गुजारा हो रहा है।
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मिल्क वेंडिग मशीन में कार्ड से मिलता है दूध
बातल गांव में लोगों की सुविधा के लिए एक लाख रुपये से मिल्क वेंडिग मशीन लगा रखी है, जिसमें 70 लीटर दूध डाल दिया जाता है। यह मशीन दूध को ठंडा भी रखती है। सुबह आठ बजे मशीन को शुरू कर दिया जाता है और लोग समयानुसार आकर व मशीन में कार्ड डालकर दूध निकालते हैं। एक बजे मशीन को बंद कर साफ कर दिया जाता है। राजेंद्र सुमन ने बताया कि वह 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध बेचते हैं। वहीं आसपास के क्षेत्रों से दूध एकत्र करने के लिए वैन लगा रखी है।
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राजेंद्र व राजेश ने अपनाई स्वरोजगार की राह
बातल गांव के राजेंद्र सुमन व राजेश शर्मा ने सरकारी नौकरी छोड़ स्वरोजगार की राह अपनाई। राजेंद्र सुमन ने जहां 25 साल तक बीएसएनएल में एसडीओ के पद तक सेवाएं देकर फरवरी 2020 में नौकरी छोड़ी, वहीं राजेश शर्मा ने 20 वर्षों तक स्वास्थ्य विभाग में लैब तकनीशियन के पद तक सेवाएं देने के बाद सितंबर 2020 में नौकरी छोड़ दी। अब दोनों ही एक साथ दूध उत्पादन व कृषि कार्य कर रहे हैं। दोनों ही उन लोगों के लिए भी नजीर बने हैं जो केवल सरकारी नौकरी से ही जिदगी बनाने का भ्रम पाले रहते हैं। आज दोनों ही शख्स अपने साथ साथ अन्यों को भी रोजगार देने की स्थिति की ओर अग्रसर है।