सेब सीजन का आगाज, एपीएमसी की तैयारियां अधूरीं
विनोद कुमार सोलन प्रदेश में बीते दिनों से सेब सीजन का आगाज हो चुका है। कृषि उपज मंडी समि
विनोद कुमार, सोलन
प्रदेश में बीते दिनों से सेब सीजन का आगाज हो चुका है। कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) सोलन के अंतर्गत आने वाली फल मंडी परवाणू व सोलन में भी रोजाना बागवान सेब लेकर पुहंच रहे है। 15 जुलाई से अधिकारिक रूप से भी सेब सीजन की शुरुआत मानी जाती है लेकिन हैरानी की बात है कि अभी तक एपीएमसी द्वारा सीजन को लेकर तैयारियां अधूरी हैं। प्रतिवर्ष करोड़ों का कारोबार करने वाली फल मंडियों में बागवानों व व्यापारियों के लिए सुविधाएं नाममात्र ही हैं।
फल मंडी सोलन में तो बिजली, पानी और शौचालय सहित आधारभूत सुविधाओं की भी कमी है। इसकी वजह से फल मंडी में फसल बेचने आने वाले बागवानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फल मंडी में एपीएमसी द्वारा शौचालय तो बनाया गया है, लेकिन आज तक इसको पानी का कनेक्शन नहीं दिया गया। इस शौचायल की देखरेख का जिम्मा ठेकेदार को दिया गया है। वहीं कई बार पानी की कमी के चलते फल मंडी में आने वाले लोगों को खुले में शौच के लिए भी मजबूर होना पड़ता है।
फल मंडी सोलन में आढ़ती संघ के प्रधान सुनील ठाकुर ने बताया कि सेब के कारोबार के लिए बनाए गए अस्थायी शेड में बिजली, पानी व शौचायल की कोई सुविधा नहीं है। इससे बागवानों को भी परेशानी होती है।
गणेश ट्रेडर में सेब बेचने आए बागवान सुरेश का कहना है कि फल मंडी में किसान-बागवानों के लिए कोई खास सुविधाएं नहीं हैं। इस बारे सरकार को विचार करना चाहिए। सेब के आढ़ती रमेश कंवर ने बताया कि सेब कारोबार के लिए शेड अलाट होने के बाद बिजली व पानी की व्यवस्था स्वयं आढ़तियों को ही करनी पड़ी है। व्यापारियों को अपने स्तर पर जुटानी पड़ रहीं सुविधाएं
फल मंडी के आढ़तियों की मानें तो सेब बिक्री के लिए बनाए गए अस्थायी शेड में कोई सुविधाएं नहीं हैं। व्यापारियों को अपने स्तर पर ही यहां बिजली व पानी का इंतजाम करना पड़ता है। सेब मंडी में करीब 60 अस्थायी शेड हैं, जिसमें से कई शेड को सीजन शुरू होने के बाद अब तक अलाट नहीं किया गया है। स्टील के पक्के स्थायी शेड बनाने की योजना नहीं चढ़ी सिरे
फल मंडी सोलन में इस वर्ष भी व्यापारी अस्थायी शेड में कारोबार करने के लिए मजबूर हैं। एपीएमसी सोलन की स्थायी शेड बनाने की योजना कई वर्ष से धरातल पर नहीं उतर रही है। हालांकि आगामी दिनों में इन शेड का शिलान्यास किया जाना है। कृषि उपज मंडी समिति को प्रतिवर्ष शेड आढ़तियों को अलाट करने से लाखों रुपये की आय होती है, फिर भी बागवानों व व्यापारियों को सुविधाएं नहीं दी जाती हैं।