प्रगति की राह में 10 किलोमीटर पैदल मार्ग नहीं बना बाधा
कहते हैं कि कठिन परिश्रम जुनून लगन और कुछ विशेष करने की चाह किसी न किसी मुकाम पर जरूर पहुंचा देती है।
पवन तोमर, राजगढ़
कहते हैं कि कठिन परिश्रम, जुनून, लगन और कुछ विशेष करने की चाह किसी न किसी मुकाम पर जरूर पहुंचा देती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है राजगढ़ उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मंडियाघाट की प्रगति ने। प्रगति कुमारी अपने घर कटोली से प्रतिदिन स्कूल के लिए पांच किलोमीटर पैदल आती थी तथा शाम को पांच किलोमीटर फिर पैदल घर जाती थी। उसके बाद किसान परिवार की बेटी होने के साथ खेतीबाड़ी में भी माता-पिता का सहयोग करती थी। अगर कुछ समय बच जाता, तो रसोई में अपनी माता के पास घर का काम करवाती है। फिर शाम को तीन घंटे तथा सुबह जल्दी उठकर दो घंटे पढ़ाई करती रही।
राजगढ़ उपमंडल के कटोली गांव से कोई भी बस सुविधा स्कूल के लिए नहीं है। जिसके चलते प्रगति को 10 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता था। अब प्रगति राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ से नान मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। जिसे अब वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ पहुंचने के लिए घर से आठ किलोमीटर सुबह पैदल आना पड़ता है। शाम को स्कूल की छुट्टी होने के बाद पैदल ही आठ किलोमीटर घर पहुंचना करता है। क्योंकि गांव के लिए सड़क तो है, मगर बस सुविधा नहीं है। जिसके चलते गांव के कई बच्चे प्रगति की तरह पैदल ही स्कूल आते हैं।
ग्रामीण परिवेश व किसान परिवार की बेटी होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों में भी प्रगति ने शिक्षा बोर्ड की सूची में मेरिट में स्थान बनाया है। शिक्षा बोर्ड की मेरिट सूची में स्थान पाने के लिए स्कूल के अध्यापकों तथा प्रधानाचार्य ने प्रगति को बधाई दी है। जमा दो के परीक्षा परिणाम में बोर्ड की मेरिट सूची में भी सिरमौर के दो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की छात्राएं 10 से 14 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पहुंची थीं। इसमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनेठी की छात्रा अमिता सात किलोमीटर तथा जरवा जूनेली की साक्षी पांच किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पहुंची थी। इन्होंने भी जमा दो की शिक्षा बोर्ड की सूची में स्थान बनाया था।