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नाहन बिरोजा फैक्ट्री का जीएम निलंबित

सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन स्थित बिरोजा एवं तारपीन फैक्टरी के महा प्रबंधक को कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने वन निगम के उपक्त्रम बिरोजा एवं तारपीन फैक्टरी के महाप्रबंधक परमिन्द्र ¨सह को मंगलवार देर सायं को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। वन विभाग के विशेष सचिव के स्तर पर यह आदेश जारी हुए हैं। वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभाग ¨सह ने जीएम को निलंबित के लिए विशेष सचिव वन गोपाल शमर को फाईल भेजी थी। जिस पर मंगलवार को जीएम के निलंबन आदेश जारी हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 06:58 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 06:58 PM (IST)
नाहन बिरोजा फैक्ट्री का जीएम निलंबित
नाहन बिरोजा फैक्ट्री का जीएम निलंबित

जागरण संवाददाता, नाहन : सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन स्थित बिरोजा एवं तारपीन फैक्ट्री के महाप्रबंधक को कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। वन विभाग के विशेष सचिव ने जीएम परमिंद्र ¨सह को मंगलवार देर सायं निलंबित करने का आदेश जारी किया। निगम के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभाग ¨सह ने इस संबंध में विशेष सचिव (वन) गोपाल शमर को फाइल भेजी थी। हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी परमिंद्र को निलंबन के बाद प्रधान मुख्य अरण्यपाल (पीसीसीएफ ) कार्यालय टॉलैंड शिमला में तलब किया गया है।

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निलंबन आदेश के साथ ही अधिकारी को बिना सचिवालय की अनुमति के स्टेशन नहीं छोड़ने के निर्देश भी जारी किए हैं। फैक्ट्री की कर्मचारी यूनियन ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है। वीरवार को फैक्ट्री में कर्मचारियों ने विशेष बैठक बुलाई गई थी। इसमें कोषाध्यक्ष नमन कुमार, अशोक चौहान, दीपराम व बलदेव राणा आदि मौजूद रहे। उधर, वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभाग ¨सह ने जीएम को निलंबित करने की पुष्टि की है।

यह था मामला

कुछ समय से फैक्टरी के कर्मचारियों व महाप्रबंधक के बीच तकरार चल रही थी। कर्मचारी यूनियन के महासचिव देवदत्त भंडारी का कहना है कि महाप्रबंधक द्वारा कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा था। साथ ही मीडिया में भी गलत बयान दिए जा रहे थे। इसको लेकर एक ज्ञापन राज्य वन विकास निगम के प्रबंधक निदेशक को भेजा गया था। वही, जीएम ने यूनियन के वरिष्ठ उपप्रधान बलबीर चौहान के खिलाफ कार्यालय में रिकॉर्ड से छेडछाड़ व नियमों के विरुद्ध बेटे को नौकरी दिलाने के आरोप लगाए गए थे। साथ ही अन्य पदाधिकारियों पर भी बेबुनियाद आरोप लगाए गए। यूनियन ने महाप्रबंधक को आरोप साबित करने की चेतावनी भी दी थी, जिसकी अभी जांच चल रही है। यूनियन महासचिव ने बताया कि जबसे महाप्रबंधक परमिंद्र ¨सह की फैक्ट्री में तैनाती हुई थी। वह तब से कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे थे, जिसकी शिकायत राज्य वन विकास निगम के प्रबंधक निदेशक को भेजी गई थी। जिस पर यह फैसला लिया गया।


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