नमस्कार ! आप सुन रहे हैं जेल रेडियो
हिमाचल प्रदेश में पहली बार जेल बंदियों के लिए जेल रेडियो शुरू किया जा रहा है।
राजन पुंडीर, नाहन
नमस्कार ! आप सुन रहे हैं जेल रेडियो.. कुछ इसी तरह की आवाज प्रदेश की दो जेलों से आएगी। खास बात यह है कि इसकी एंक¨रग का जिम्मा भी कैदियों के हाथ होगा। प्रदेश में पहली बार जेल में कैदियों के लिए रेडियो जॉकी शुरू किया जा रहा है। इसके लिए चयनित कैदियों का प्रशिक्षण लगभग पूरा हो चुका है, बस सितंबर से यह रेडियो काम शुरू करेगा। खास बात यह है कि रेडियो का संचालन खुद कैदी करेंगे। निर्धारित शेड्यूल में कैदी रेडियो जॉकी की भूमिका में होंगे। हिमाचल की दो मॉडल सेंट्रल जेलों में कैदी अपना तनाव दूर करने के साथ ही अन्य कैदियों का मनोरंजन भी करेंगे। फिलहाल शिमला की कंडा जेल और नाहन की सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों के लिए ही यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
आर्दश केंद्रीय जेल नाहन व शिमला की कंडा जेल में अगले माह से मधुर तरानों के साथ-साथ हंसने-हंसाने का दौर भी होगा। कैदियों को हल्की आवाज में मधुर तरानों के साथ स्थानीय संगीत भी सुनाएगा। कैदियों को तनावमुक्त करने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है। इसमें रेडियो जॉकी का काम करने के लिए पिछले माह नाहन जेल के चार कैदियों नरबहादुर, मुर्तजा, उमेद व मुकेश को एक सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए कैथू जेल में भेजा गया था। जहां दिल्ली से आए एक रेडियो जॉकी ने उन्हें प्रशिक्षण दिया। नाहन जेल में इस समय 494 बंदी हैं, जिसमें 12 महिलाएं भी शामिल हैं। वैसे तो सभी बैरकों में जेल प्रशासन की ओर से टीवी लगाए गए हैं, मगर जेल प्रशासन अब पहल कर जेल रेडियो शुरू करने जा रहा है।
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मध्य प्रदेश में पहले से है व्यवस्था अभी देश में मध्य प्रदेश की जेलों में ही ऐसा रेडियो चल रहा है। दूसरे चरण के लिए जेल प्रशासन ने एफएम की मान्यता के लिए भी आवेदन कर दिया है। पहले चरण में जेल रेडियो के सफल प्रसारण के बाद एफएम जेल रेडियो चलाने की दिशा में प्रयास किया जाएगा। जेल रेडियो में कैदी फरमाइशी गीतों के साथ कैदियों के अपने रिकॉर्ड किए गए कार्यक्रम भी सुने जा सकेंगे। रिस्पास अच्छा रहने पर जेल रेडियो को प्रदेश की अन्य जेलों में भी शुरू कर दिया जाएगा।
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नाहन जेल में जेल रेडियो का कार्य दो सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। चार रेडियो जॉकी जेल रेडियो से विभिन्न कार्यक्रम प्रसारित करेंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक बैरक में तत्काल सूचना के लिए भी जेल रेडियो का प्रयोग किया जाएगा।
-विकास भटनागर, जेल उप अधीक्षक, आर्दश केंद्रीय कारागार नाहन।