दो सप्ताह से घाटे में चल रहे 12 बस रूट एचआरटीसी ने किए बंद
देश सहित प्रदेश में जैसे ही ओमिक्रोन संक्रमण का खतरा बढ़ा वैसे ही परिवहन निगम की बसों में सवारियां भी कम हो गई हैं।
जागरण संवाददाता, नाहन : देश सहित प्रदेश में जैसे ही ओमिक्रोन संक्रमण का खतरा बढ़ा वैसे ही हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में धीरे-धीरे यात्री भी घटने लगे हैं। इसी के चलते दो सप्ताह से नाहन डिपो में लंबी दूरी सहित कई लोकल रूटों से सवारियां भी कम हो गई हैं। इससे परिवहन निगम के नाहन डिपो को प्रतिदिन तीन लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके चलते एचआरटीसी नाहन डिपो ने करीब 12 लंबी दूरी तथा लोकल रूटों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया है।
बंद किए गए रूटों में जिला सिरमौर मुख्यालय नाहन से एकमात्र बस राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली जाने वाली नाहन-दिल्ली बस भी शामिल है। इसके साथ हरिद्वार नाहन-मणिकर्ण, नाहन-शिमला, नाहन-सराहां, नाहन-धगड़ा, नाहन-चासी, नाहन-कौलावालाभूड़, शिमला-नाहन, सराहां-त्रिलोकपुर बसों को अगले आदेश तक बंद कर दिया है। परिवहन निगम नाहन में 162 रूटों पर 123 बसें दौड़ती हैं, जिनकी प्रतिदिन आमदनी आठ से नौ लाख होती थी। दो सप्ताह में यह आमदनी घट कर पांच से साढ़े पांच लाख रह गई है। जिसके चलते एचआरटीसी को प्रतिदिन तीन लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों ने बसों में सफर कम कर दिया है। एचआरटीसी के अधिकारियों ने बसों के खाली होने पर एक दर्जन रूटों को दूसरों रूट के साथ मर्ज किया है। जब तक स्कूल व कालेज नहीं खुले व बसों में सवारी न बढ़ी तब तक इन रूटों को बंद ही रखा जाएगा।
उधर एचआरटीसी नाहन बस अड्डा प्रभारी सुखराम ठाकुर ने बताया कि कुछ दिन से नाहन डिपो की आमदनी करीब तीन लाख रुपये घटी है। जिसके चलते कुछ रूटों को दूसरे रूटों के साथ मर्ज किया गया है। जब यात्री बढ़ेंगे, तो मर्ज किए गए रूटों को बहाल कर दिया जाएगा।