विज्ञान सत्य और ज्ञान की खोज
जागरण संवाददाता, शिमला : सेंट बिडस कॉलेज शिमला के विज्ञान संकाय, भारतीय भौतिकी शिक्षकों अ
जागरण संवाददाता, शिमला : सेंट बिडस कॉलेज शिमला के विज्ञान संकाय, भारतीय भौतिकी शिक्षकों आइएपीटी के सहयोग से राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें कॉलेज के करीब 300 विज्ञान विद्यार्थी विभिन्न महाविद्यालयों और विद्यालयों के 150 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। डिग्री कॉलेज संजौली, आरकेएमवी, राजीव गाधी सरकार डिग्री कॉलेज चौड़ा मैदान, कॉन्वेंट ऑफ इसाई और मैरी, डीएवी स्कूल न्यू शिमला, डीएवी स्कूल लक्कड़ बाजार, सेंट एडवर्ड स्कूल, लॉरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल, केंद्रीय विद्यालय जाखू, केंद्रीय विद्यालय जातोग के छात्र शामिल हुए।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवा दिमाग की जिज्ञासा को पूरा करने और समझने के लिए कि हमारे आसपास कुछ चीजें क्या होती हैं, विज्ञान की अद्भुत दुनिया का आनंद लेना था। सेंट बिडस कॉलेज की प्रबंधक डॉ. मरीना जॉन ने जीवन में विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के पहले तकनीकी सत्र में पीके अहलुवालिया ने ग्रेफीन द क्वीन ऑफ फ्लैट लैंड ऑफ क्रिस्टल विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कार्बन के चमत्कारों और ग्रेफिन की संपत्ति, खोज और इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में इसके आवेदन के बारे में बात की।
प्रो. निवेदिता शर्मा ने श्वंडर वर्ल्ड ऑफ साइंस वॉक टू विथ टू फ्यूचर विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि विज्ञान सत्य और ज्ञान की खोज है और ज्ञान के आवेदन को प्रौद्योगिकी कहा जाता है। उनके व्याख्यान ने आधुनिक काल के परिदृश्य से विज्ञान के संक्त्रमण को स्पष्ट किया और कैसे कई प्रमुख वैज्ञानिकों का काम इस संक्त्रमण में योगदान दिया।
इसके बाद कम लागत वाली भौतिकी के प्रयोगों का सजीव प्रदर्शन किया गया,जिसे प्रो. एमएस द्वारा सबसे दिलचस्प और आकर्षक तरीके से प्रकृति की शारीरिक घटना का अनावरण करने के लिए कक्षा के कमरे में आसानी से उपयोग किया जा सकता है।