एक साल से बिना छुट्टी के मरीजों की सेवा में जुटीं सुकृति
जागरण संवाददाता शिमला कोरोना संकट में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी)
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना संकट में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में सीनियर नर्सिग सुपरिटेंडेंट सुकृति बिद्रा एक साल से बिना छुट्टी के सेवाएं दे रही हैं। सुकृति बिद्रा गृहिणी की जिम्मेदारी के साथ मरीजों की देखभाल की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। मरीजों के अलावा अस्पताल में सेवाएं दे रही 450 स्टाफ नर्सो व वार्ड सिस्टर के साथ 450 नर्सो को कोरोना से संबंधित ट्रेनिग देना भी उनकी जिम्मेदारी है।
उनका कहना है कि अस्पताल में सेवाएं दे रही सभी नर्सों का मनोबल बढ़ाने के लिए वे स्वयं मरीजों की देखभाल में जुट जाती हैं और हर मरीज को बेहतर नर्सिंग केयर मिले, यह भी सुनिश्चित करती हैं। उन्होंने बताया कि 1991 में उन्होंने बतौर नर्स आइजीएमसी में ज्वाइन किया था। 29 सालों से लगातार मरीजों की सेवा में वे असली खुशी ढूंढ पाती हैं।
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अस्पताल दूसरा घर और मरीज परिवार
सुकृति बिद्रा का कहना है कि वह अस्पताल को दूसरा घर और मरीज को परिवार का सदस्य मानती हैं। अस्पताल में आने वाले मरीज ठीक होने की आस में दाखिल होते हैं। एक तो मरीज बीमारी से जूझ रहे होते हैं और दूसरा वे मानसिक तौर पर परेशान रहते हैं। ऐसे में मरीज को परिवार का माहौल देने की कोशिश की जाती है। कोरोना संक्रमण से डर जरूर लगता है लेकिन अगर नर्सिंग स्टाफ हिम्मत हार जाएगा तो मरीजों का मनोबल कैसे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा के साथ उनको मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया जाता है। नर्सो को मरीज की केयर के साथ पीपीई किट पहनना व इसका निस्तारण सहित वेंटीलेटर चलाना सिखाया जाता है।