शिमला और धर्मशाला होंगे और भी स्मार्ट
हिमाचल प्रदेश में अब नगर निगमों की संख्या पांच हो गई है। स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला को
हिमाचल प्रदेश में अब नगर निगमों की संख्या पांच हो गई है। स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला को और स्मार्ट बनाने के साथ तीन नए नगर निगमों मंडी, सोलन व पालमपुर में विकास की रफ्तार और तेज की जाएगी। शिमला और धर्मशाला में सभी सेवाएं आइटी पर आधारित मिलेंगी। पर्यटकों और आम लोगों को मोबाइल एप पर ही वाहन पार्किंग की बुकिग होगी और ऑनलाइन जानकारी मिलेगी। इसके लिए सौ करोड़ से शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय में कमांड सेंटर स्थापित किया जा रहा है। शहरी विकास विभाग की भविष्य में क्या योजना है और ढाई मंजिला भवन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के खिलाफ क्या करने जा रहे हैं? इस संबंध में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जागरण के संवाददाता यादवेन्द्र शर्मा को साक्षात्कार के दौरान विस्तार से जानकारी दी, प्रस्तुत है इसके अंश:- नए नगर निगम और नगर निकाय बनाने से आम लोगों को क्या लाभ होगा?
हिमाचल प्रदेश में अब पांच नगर निगम बने गए हैं। शिमला और धर्मशाला के अलावा सोलन, मंडी और पालमपुर तीन नए नगर निगम बनाए गए हैं। इसके अलावा कई पंचायतों को नगर पंचायत बनाया गया है। इससे 15वें वित्त आयोग के तहत शहरों का बेहतर विकास हो सकेगा और नगर निकाय अपनी आय को बढ़ाकर वहां का विकास कर सकेंगे। इन शहरों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के साथ विकास की गति को और तेज किया जाएगा। इसके लिए करोड़ों रुपये की लागत से विकास कार्य किए जाएंगे। स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला के लिए क्या योजना है?
शिमला और धर्मशाला को और स्मार्ट बनाने के लिए और सेवाओं को आइटी आधारित बनाने के लिए शिमला के सचिवालय में सौ करोड़ की लागत से कमांड सेंटर बनाया जा रहा है। ऐसा ही कमांड सेंटर धर्मशाला में भी बनाया जाएगा। इसमें मोबाइल एप पर पार्किंग व अन्य ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शहरों में यातायात की समस्या को दूर करने के लिए क्या किया जा रहा है?
यातायात समस्या को दूर करने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है और पार्किंग की सुविधा को और बढ़ाया जा रहा है जिससे सड़कों पर गाड़ियां पार्क न हो और जाम न लगे। लोगों की सुविधा के लिफ्ट लगाने के साथ नई टनल के निर्माण जिसमें शिमला में एक टनल लिफ्ट से लक्कड़ बाजार, दूसरी संजौली टनल के साथ एक और टनल बनाने की योजना है। इससे ट्रेफिक जाम से निजात मिलेगी। इसके अलावा रोप-वे और ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। पर्यटकों व आम लोगों की सुविधा के लिए एस्केलेटर को लगाने की भी योजना है। एनजीटी की ओर से ढाई मंजिल से अधिक के निर्माण पर रोक और रिटेंशन पॉलिसी पर क्या कर रहे हैं?
-ढाई मंजिल से अधिक भवनों के निर्माण पर शिमला के योजना क्षेत्र में रोक है। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। कोविड-19 के कारण आवश्यक मामलों की सुनवाई हो रही है। सरकार प्रदेश उच्च न्यायालय में मामला उठा रही है, जिससे राहत मिले सके। रिटेंशन पॉलिसी से संबंधित विधेयक को प्रदेश उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है। इस संबंध में एनजीटी और उच्च न्यायालय के आदेश का अवलोकन किया जा रहा है।
नगर निकायों के चुनाव घोषित होने से विकास कार्य प्रभावित होंगे। इसके लिए क्या योजना है?
चुनाव की घोषणा से नए कार्य नहीं हो सकते हैं। लेकिन, पहले से चल रहे कार्यो को पूरा किया जाएगा। जिन शहरी निकायों में चुनाव हो रहे हैं वहीं पर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है।