दिसंबर में दिल्ली से भी गर्म रहा शिमला
तीन साल से दिसंबर में कम महसूस की जा रही ठंड मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर के महीने में तीन वर्षों से मौसम अधिक ठंडा नहीं रहा है।
शिमला, रविंद्र शर्मा। हिमाचल की राजधानी शिमला अब सर्दियों के मौसम में दिल्ली से भी गर्म रहने लगी है। दिसंबर के महीने में जहां ठंड लोगों के हाड़ कंपा देती थी, वहीं अब ठंड का एहसास सुबह-शाम का ही रह गया है। पहली दिसंबर से लेकर अभी तक के न्यूनतम तापमान के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो चार दिन तो शिमला का न्यूनतम तापमान देश की राजधानी दिल्ली से भी अधिक रहा है।
इसके अलावा ऐसे भी आंकड़े सामने आए हैं जिसमें दिल्ली और शिमला का न्यूनतम तापमान करीब-करीब बराबर दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग इसके पीछे ग्लोबल वार्र्मिंग का कारण मानने से इनकार कर रहा है। दो-तीन दिन से रात के समय दिल्ली शिमला से अधिक ठंडी रही है, हालांकि वीरवार को शिमला का न्यूनतम तापमान दिल्ली के मुकाबले कम रिकॉर्ड किया गया।
तीन साल से दिसंबर में कम महसूस की जा रही ठंड मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर के महीने में तीन वर्षों से मौसम अधिक ठंडा नहीं रहा है। वर्ष 2015 से लेकर 2017 के दौरान 20 दिसंबर तक के औसतन तापमान की बात की जाए तो वर्ष 2015 में 20 दिसंबर तक का औसतन अधिकतम तापमान 14.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, वर्ष 2016 में दिसंबर तक का औसतन अधिकतम तापमान 18.3 डिग्री सेल्सियस और 2017 में दिसंबर तक का औसतन अधिकतम तापमान 15.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
यह है मौसम विभाग का तर्क
मौसम विभाग शिमला के विशेषज्ञ मनीष ने बताया कि दिसंबर के महीने में शिमला का न्यूनतम तापमान पिछले दिनों दिल्ली से भी अधिक रिकॉर्ड किया गया है। यह ग्लोबल वार्मिंग के कारण नहीं होता है।
शिमला का मौसम जब पूरी तरह से साफ रहता है तो न्यूनतम तापमान भी बढ़ता है, लेकिन मैदानी इलाकों में इन दिनों धुंध छाई रहती है जिसके कारण वहां न्यूनतम तापमान में गिरावट आती है। दिसंबर महीने में न्यूनतम तापमान के ऐसे आंकड़े कई वर्षों से देखने को मिल रहे हैं।
प्रदेशभर में एक सप्ताह तक साफ रहेगा मौसम
हिमाचल में आगामी एक सप्ताह तक मौसम पूरी तरह से साफ रहेगा। इससे नववर्ष तक बारिश और बर्फबारी की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं। राज्य में नवंबर से दिसंबर तक सामान्य से 55 फीसद कम बारिश हुई है और अब दिसंबर के अंतिम सप्ताह में भी बारिश होने की कोई उम्मीद नहीं है। मौसम के बदले मिजाज से किसान व बागवान भी चिंतित हैं।
पहली नवंबर से अब तक प्रदेश में तीन बार ही बारिश हुई है। हालांकि इस बीच कई बार नॉर्थ पाकिस्तान से पश्चिमी हवाएं सक्रिय हुई हैं, लेकिन हवाओं का दबाव कम होने के कारण यह प्रभावी नहीं हो पाईं और छुटपुट क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी ही हुई। प्रदेश में दिसंबर में तापमान में कमी कृषि व बागवानी के लिए संजीवनी साबित होते हैं। बुधवार को प्रदेश में पश्चिमी हवाएं तो सक्रिय हुईं, लेकिन अपना असर नहीं दिखा पाईं। हालांकि राज्य के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी भी हुई है। इसमें केलंग और गोंधला में ऊंची चोटियों पर दो सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है।
मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में हवाओं का दबाव कम होने के कारण बारिश और बर्फबारी नहीं हो पा रही है। इससे न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट नहीं हो पा रही है। 23 दिसंबर से पश्चिमी हवाएं सक्रिय हो रही हैं, लेकिन अधिक प्रभावशाली न होने के कारण सिर्फ अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही इनका असर दिखेगा। एक-दो स्थानों पर बारिश और बर्फबारी होने की उम्मीद है।
वीरवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सुबह की शुरुआत खिली धूप के साथ हुई और दिन भर चटख धूप खिली रही। इससे 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं आया। वीरवार को प्रदेश का अधिकतम तापमान ऊना में 28.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान केलंग में माइनस 3.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
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