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बर्फबारी के बाद कुफरी, नालदेहरा पर्यटकों से पैक

बुधवार रात हुई बर्फबारी के बाद जिला शिमला में पर्यटकों का जमावड़

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 09:05 PM (IST)
बर्फबारी के बाद कुफरी, नालदेहरा पर्यटकों से पैक
बर्फबारी के बाद कुफरी, नालदेहरा पर्यटकों से पैक

जागरण संवाददाता, शिमला : बुधवार रात हुई बर्फबारी के बाद जिला शिमला में पर्यटकों का जमावड़ा लग गया है। रिज और मालरोड पर बर्फबारी न होने के कारण पर्यटकों ने ऊपरी शिमला स्थित पर्यटक स्थलों का रुख किया, जिस कारण वीरवार को रिज और मालरोड पर पर्यटकों की संख्या कम और कुफरी, नालदेहरा सहित ऊपरी शिमला में पर्यटकों की भीड़ अधिक रही। पर्यटक कुफरी और नारकंडा पहुंचे और यहा पहुंच कर सैलानियों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। कई सैलानी बर्फ में अठखेलिया करते नजर आए तो कुछ ने बर्फ का स्नोमैन खड़ा कर उसके साथ जमकर फोटो शूट करवाया। इससे पर्यटन कारोबारियों का व्यवसाय भी चमक गया है। होटलों के अलावा घोड़े वालों के साथ टूरिस्ट गाइड और फोटोग्राफरों की भी चांदी हो रही है।

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कुफरी में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए पहुंची गाड़ियां बर्फ पर स्किड होती रही, जिससे पर्यटकों को परेशानी झेलनी पड़ी, लेकिन बर्फबारी से मिली खुशी के आगे सभी परेशानियां फीकी दिखी और पर्यटकों ने खूब मस्ती की। कुछ पर्यटक तो अपनी गाड़ी छोड़ पिकअप और यूटीलिटी में कुफरी पहुंचे।

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पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग कर रहे मनमानी

पर्यटकों की तादाद बढ़ने के साथ होटलों व टैक्सी चालकों ने भी मनमानी शुरू कर दी है। पर्यटकों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। शिमला के रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर बसों व रेल में आ रहे पर्यटकों को टैक्सी चालक खूब लूट रहे हैं। रेलवे स्टेशन से कुफरी के लिए तीन हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। ढाबों में खाद्य वस्तुओं के दाम भी अधिक वसूले जा रहे हैं। चाय का एक कप 12 से 15 रुपये में दिया जा रहा है। खाने के भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं।

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पर्यटकों से ऐसी वसूली की कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो उस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस के माध्यम से कार्रवाई की जाएगी।

-सुरेंद्र जस्टा, उपनिदेशक पर्यटन विभाग।

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नारकंडा में सीजन का पहला हिमपात

अमित सूद, कुमारसैन

पर्यटन स्थल नारकंडा में बुधवार रात को सीजन का पहला हिमपात हुआ। यहां चार इंच ताजा बर्फबारी दर्ज की गई, जबकि निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। हाटूपीक व देरठु पीक में करीब 10 इंच बर्फबारी हुई। इससे समूचा क्षेत्र में शीतलहर है। इस बार नवंबर में ही बर्फबारी से नारकंडा के व्यवसायियों तथा स्कीइंग प्रेमियों के चेहरे खिल गए हैं। नारकंडा की विश्व प्रसिद्ध धोमडी स्की स्लोप में अब बर्फ की चादर बिछ गई है। हालाकि बर्फबारी से राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर यातायात सुचारू है।

उधर, निचले क्षेत्रों में जमकर बारिश होने से किसानों बागवानों के चेहरे भी खिल गए हैं। बर्फ गिरने से क्षेत्र के किसानों, बागवानों में खुशी है। बागवानों के अनुसार नवंबर में हुई बर्फबारी कृषि व बागवानी कार्यो के लिए फायदेमंद होगी। दिसंबरके बाद बागवान बगीचों मे तौलिये, खाद, गोबर डालने आदि का कार्य करते हैं, जिसके लिए जमीन में पर्याप्त नमी होनी जरूरी है।

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रेत के ढेर लगाने के टेंडर

संवाद सूत्र, ठियोग : बुधवार रात ठियोग के आसपास देशू, कनाग, टिक्कर की पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई। कम ऊंचाई वाले क्षेत्र में बारिश हुई। कुफरी से फागू के बीच सड़क पर दो इंच से अधिक बर्फ गिरने के कारण वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने फागू और कुफरी के बीच फिसलन भरे स्थानों को चिह्नित कर वहा रेत के ढेर लगाने के लिए टेंडर कर दिए हैं। सड़क पर फिसलन बढ़ने पर इन स्थानों पर रेत डालकर यातायात सुचारू रखने का काम किया जाता है। पर्यटन स्थल महासूपीक के व्यापारियों में बर्फ गिरने से एक अच्छे सीजन की आस जगी है, क्योंकि पिछले साल कम बर्फ गिरने की वजह से सीजन काफी फीका रहा था। क्षेत्र के बागवानों को बर्फ गिरने से सेब के बगीचों में काम करने के लिए उपयुक्त माहौल मिल रहा है।


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