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पेयजल सप्लाई घटी, अब प्लान बी पर काम, लीकेज और पंपिग सिस्टम को करेंगे ठीक

जागरण संवाददाता शिमला गर्मी बढ़ने के साथ शहर के कुछ हिस्सों में पेयजल समस्या भी गहराने

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 09:27 PM (IST)
पेयजल सप्लाई घटी, अब प्लान बी पर काम,
लीकेज और पंपिग सिस्टम को करेंगे ठीक
पेयजल सप्लाई घटी, अब प्लान बी पर काम, लीकेज और पंपिग सिस्टम को करेंगे ठीक

जागरण संवाददाता, शिमला : गर्मी बढ़ने के साथ शहर के कुछ हिस्सों में पेयजल समस्या भी गहराने लगी है। शहर में पेयजल की गिरती सप्लाई को देखते हुए बुधवार को शिमला जल प्रबंधन निगम के अधिकारियों ने बैठक कर प्लान बी पर काम किया। इसके मुताबिक शहर को विभिन्न जल स्रोतों से आने वाली सप्लाई से हो रही लीकेज या कहीं दूसरी दिक्कत से पानी की बर्बादी को रोकने का काम किया जाना प्रस्तावित है। इसे पहले चरण में रोका जाएगा। इससे पेयजल स्रोतों से टैंकों तक पहुंचने वाली सप्लाई को एक से दो मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी बढ़ाया जा सकेगा।

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इसी तरह आने वाले दिनों में जहां कहीं पंप स्टेशनों में समस्या है, उसे भी दुरुस्त किया जाएगा। यदि किसी परियोजना में बिजली कट के कारण सप्लाई प्रभावित हो रही है तो यह मामला बिजली बोर्ड के अधिकारियों से उठाया जाएगा। इन सभी मसलों को सुलझा कर शहर में पानी की आपूर्ति को बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। इसके बाद ही शहर में राशनिग नहीं करने पर विचार किया जाएगा।

बुधवार को निगम के एजीएम हरमेश भाटिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मसले पर विस्तार से चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल राशनिग के बजाय फील्ड कर्मचारियों के सुझाव के आधार पर सुधार किया जाएगा। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होता है तो आगे की रणनीति तैयार की जानी प्रस्तावित है। दो से तीन बार बारिश होने से सुधर सकती है हालत

बैठक में अधिकतर अधिकारियों का मत था कि अप्रैल के शुरू तक यदि दो से तीन बार अच्छी बारिश हो जाती है तो पेयजल स्रोत रिचार्ज हो जाएंगे। इसके बाद राशनिग की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूसरी स्थिति में यदि बारिश नहीं होती है तो राशनिंग की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए अलग से अप्रैल महीने के शुरू में बैठक कर प्लान तैयार किया जाएगा। गुम्मा परियोजना से 20 के बजाय 14 एमएलडी पानी ही मिला

दूसरी तरफ निगम को मिलने वाली पानी की सप्लाई के आंकड़ों पर गौर करें तो यह करीब आठ से 10 एमएलडी कम हो चुका है। निगम को गुम्मा परियोजना से भी 20 एमएलडी के बजाय 14 एमएलडी पानी ही मिला है। ऐसी स्थिति में शहर की सप्लाई को पूरा करना निगम के लिए मुश्किल होने लगा है। आने वाले समय में इसकी स्थिति और ज्यादा विकराल हो सकती है।


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