अब पानी पर सरपट दौड़ेगी जिंदगी
हिमाचल में डैमों में अब वाटर ट्रांसपोर्ट और स्पोर्ट्स होंगी
राज्य ब्यूरो, शिमला : भाखड़ा के एक छोर से बिलासपुर नौकरी करने के लिए आने वाले कर्मचारियों व कॉलेज छात्रों को अब ढाई घंटे तक बस का सफर करने की जरूरत नहीं रहेगी। स्टीमर में बैठो और बिलासपुर पहुंच जाओ। इसी तरह से कोलडैम और चंबा जिला के चमेरा डैम में पानी पर दौड़ने वाले छोटे जहाज उपलब्ध होंगे। इसके अलावा शिकारा, हाउस वोट और वाटर स्कूटर भी चलेंगे। बिलासपुर के गोविंद सागर को वाटर स्पोर्ट्स सेंटर के तौर पर विकसित किया जाएगा।
प्रदेश के चार जिलों के करीब सात लाख लोगों को परिवहन सुविधा के लिए बस सेवा पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। राज्य में जल परिवहन की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। सचिवालय में हुई बैठक में जल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पांच डैम हैं और सभी का जल परिवहन सुविधा के लिए उपयोग किया जाएगा। इससे बाध से लगते क्षेत्र के लोगों को परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं जल क्रीड़ाओं व परिवहन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव परिवहन जगदीश शर्मा, विभिन्न जिलों के उपायुक्त, विभागों के वरिष्ठ अधिकारी व जल विद्युत परियोजनाओं के अधिकारी भी उपस्थित थे।
भारतीय जलमार्ग प्राधिकरण के तकनीकी सदस्य एसके काग ने जल मार्ग परिवहन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्राधिकरण के निदेशक तकनीकी एके मिश्रा ने भाखड़ा, चमेरा तथा कौल बाध में जल परिवहन पर आधारित प्रस्तुति दी। भारतीय जल मार्ग प्राधिकरण के विशेषज्ञों ने बताया कि यह परिवहन सुविधा चिह्नित स्थानों से ही उपलब्ध करवाई जाती है। इससे मछली उत्पादन व मछुआरों की रोजी-रोटी पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। आइटी मैरीटाइन कंपनी ने तैयार की डीपीआर
निजी एजेंसी आइटी मैरीटाइन प्राइवेट लिमिटेड ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है। उसमें इन तीन बाधों पर जल परिवहन सुविधाएं विकसित करने, जिनमें जैटी व जैटियों को संपर्क मार्ग से जोड़ने आदि पर 26.10 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। बिलासपुर जिला में स्थित भाखड़ा बाध, कोल बाध और चंबा में चमेरा बाध पर जल परिवहन की संभावनाओं का पता लगाया गया है।
ऐसे होगा काम
- एजेंसी द्वारा सौंपी रिपोर्ट के अनुसार भाखड़ा बाध पर 91 किलोमीटर में जल परिवहन सुविधा होगी। 21.86 करोड़ खर्च होंगे। जैटी निर्माण पर 17.88 करोड़ होंगे।
- कोल बाध में 52 किलोमीटर के लिए 2.69 करोड़ खर्च होंगे। कौल बाध में जैटियों के निर्माण पर 98 लाख रुपये खर्च होंगे।
- चमेरा में 27 किलोमीटर के लिए 1.55 करोड़ खर्च होंगे और जैटी निमार्ण पर 1.81 करोड़ व्यय होंगे।
- एजेंसी पौंग बाध, अन्य नदियों व बाधों में भी जल परिवहन सुविधा की संभावनाएं तलाशेगी।
- नदियों के किनारे बसे शहर जैसे कुल्लू, मनाली व मंडी में बढ़ते यातायात से निपटने के लिए जल परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा।