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मज्याठ वार्ड को रोजाना दो लाख लीटर पानी देगा एसजेपीएनएल

जागरण संवाददाता शिमला नगर निगम शिमला के न्यू मर्ज एरिया मज्याठ व टुटू में पानी की कमी को

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 08:35 PM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 08:35 PM (IST)
मज्याठ वार्ड को रोजाना दो लाख
लीटर पानी देगा एसजेपीएनएल
मज्याठ वार्ड को रोजाना दो लाख लीटर पानी देगा एसजेपीएनएल

जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला के न्यू मर्ज एरिया मज्याठ व टुटू में पानी की कमी को लेकर मज्याठ वार्ड के पार्षद दिवाकर दत्त शर्मा ने नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली की अध्यक्षता में बैठक की। इसमें शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) के एजीएम, एसडीओ से लेकर विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में एसजेपीएनएल ने रोजाना लाख लीटर पानी देने की सहमति जताई है।

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बैठक में पार्षद ने एसजेपीएनएल से रोजाना 4.70 लाख लीटर पानी देने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि 2016 तक दोनों ही क्षेत्रों को पानी माकूल मात्रा में स्त्रोत से मिल रहा था, लेकिन निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की ओर से पानी का स्त्रोत दूषित हो गया। इसके बाद से जल शक्ति विभाग ने पानी की लिफ्टिंग को बंद कर दिया। इससे सीधे तौर पर क्षेत्र के लोगों को मिल रहे पानी की सप्लाई में कमी आई है। ऐसे में जल शक्ति विभाग को पानी आगे से लिफ्ट करना पड़ा। यहां से महज ढाई से तीन लाख लीटर पानी ही रोजाना मिल पा रहा है, हालांकि पहले साढ़े सात लाख लीटर पानी मिलता था। इसलिए इस पानी की कमी को निगम को पूरा करना चाहिए।

इसी महीने के शुरू में एसजेपीएनएल के अधिकारियों के साथ मौके का दौरा करते हुए पानी देने पर सहमति भी बनी थी, लेकिन अभी तक देना शुरू नहीं किया था। इसलिए बैठक में आज फिर से पानी को देने की मांग रखी। इसमें वीरवार को अधिकारियों ने 4.7 लाख लीटर पानी देने पर तो सहमति नहीं दी, लेकिन क्रमबद्ध तरीके से पानी की उपलब्धता करवाने पर सहमति बन गई है। रोजाना कम से कम दो लाख लीटर पानी एसजेपीएनएल ने देने की सहमति दी है। इससे क्षेत्र में रोजाना नहीं तो कम से कम तीसरे दिन तो पानी की सप्लाई लोगों को घर पर मिल सकेगी। अभी बावड़ी व हैंडपंप पर रहना पड़ रहा है निर्भर

अभी तक मज्याठ वार्ड में पानी की सप्लाई पांच से छह दिन के बाद हो रही है। इससे लोगों को कोरोना के बीच में भी पानी की सप्लाई के लिए भटकना पड़ रहा है। इससे कई बार तो पानी की बावड़ी से लेकर हैंडपंप पर भी लोगों की भीड़ लग जाती है। ऐसे में संक्रमण की आशंका बनी रहती है।


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