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अब होटलों में नहीं रहेगी पेयजल किल्लत

अब शिमला के होटल पेयजल के लिए विकल नहीं होंगे। ओयो होल्ट्स एंड होम्स ने इस दिशा में नई पहल की है। इसके तहत होटलों में वर्षा जल संग्रहण के लिए नया तंत्र विकसित किया गया है इससे हरेक होटल में

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 06:41 AM (IST)
अब होटलों में नहीं रहेगी पेयजल किल्लत
अब होटलों में नहीं रहेगी पेयजल किल्लत

जागरण संवाददाता, शिमला : अब राजधानी शिमला के होटल पेयजल के लिए नहीं तरसेंगे। ओयो होटल्स एंड होम्स ने इस दिशा में नई पहल की है। इसके तहत होटलों में वर्षा जल संग्रहण के लिए नया तंत्र विकसित किया गया है इससे हरेक होटल में 81 हजार लीटर की बचत हो सकेगी। ऐसा शिमला में गर्मी के मौसम में जल संकट के कारण किया गया है। पिछले साल यह संकट और गहरा गया था। इससे होटल मालिकों ने सबक सीखा है। दक्षिणी एशिया की सबसे बड़ी होटल्स होम्स एवं लिविग स्पेसेज कंपनी की सबसे तेजी से विकसित होती चेन ओयो होटल्स एंड होम्स शिमला में व्यापक वर्षा जल संचयन प्रणाली अपनाई है। पहाड़ी इलाके में बसे खूबसूरत शहर में जल संरक्षण को बढ़ावा देने वाली स्थायी पर्यटन प्रथाओं को प्रोत्साहित किया गया है। शिमला के होटल मालिकों और यात्रियों को अनूठा अनुभव प्रदान करना पहल का मुख्य उद्देश्य है।

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सीएसआर असिस्टेंस प्रोग्राम के तहत ओयो रीच के माध्यम से कंपनी ने शिमला में ओयो होटलों को वर्षा जल संचयन की तकनीकों एवं प्रणाली को अपनाने के लिए जरूरी तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। शिमला में मौजूद ओयो की 83 फीसद प्रापर्टी को वर्षा जल संचयन के अनुरूप हो गई हैं।

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केल्टी झेल रही संकट

शिमला का केल्टी आजकल गंभीर जल संकट झेल रहा है। वहां की करीब छह हजार आबादी पेयजल के लिए तरस रही है। प्रशासन के लाख दावों के बावजूद समस्या सामान्य नहीं हो पा रही है।

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शिमला पिछले कुछ सालों से पानी की कमी के गंभीर संकट से जूझ रहा है और हम इस समस्या को हल करने में योगदान देना चाहते हैं। इस कारण नई पहल की गई है।

-आदित्य घोष, सीईओ, भारत और दक्षिणी एशिया, ओयो होटल्स एंड होम्स।

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ओयो होटलों की चेन में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मैंने इस तकनीक को अपना लिया है। गर्मियों में हर साल शिमला को भारी जलसंकट से जूझना पड़ता है। पिछले साल तो हालात इतने बिगड़े की इसका असर पर्यटकों की संख्या पर भी काफी पड़ा। कारोबार प्रभावित हुआ।

-पुनीत चोपड़ा, प्रॉपर्टी मालिक, अल्पाइन हेरिटेज होटल।

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ज्यादा महंगी नहीं है नई तकनीक

नई तकनीक ज्यादा महंगी नहीं है। इसे अपनाने वाले होटल मालिक कहते हैं कि इस पर 20 हजार से तीस हजार का खर्चा है। बाकी पानी बचत करने की मात्रा पर निर्भर करेगा। इस तकनीक में फिल्टर भी लगाया गया है। अब इसकी गुणवत्ता परखी जाएगी कि यह पीने योग्य होगा या नहीं। लेकिन गमलों, गार्डन की सिचाई के लिए इस्तेमाल किया ही जा रहा है। इससे होटल मालिकों को टैंकर के माध्यम से पानी नहीं खरीदता पड़ेगा।


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