शहर में पेयजल संकट, चौथे दिन मिल रहा पानी
राजधानी शिमला में पेयजल संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। बरसात में लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में पेयजल संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। बरसात में भी शहर के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। शहर में पानी की राशनिग अभी तक बंद नहीं हो सकी है। लोगों को तीसरे दिन पानी देने की बात की जा रही है, लेकिन शेड्यूल जारी होने के बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। कई जगह तीसरे तो कई क्षेत्रों में चौथे दिन पानी मिल रहा है।
शुक्रवार को शहर के न्यू शिमला, विकासनगर, देवनगर, शिवनगर, खलीनी, कुसुम्पटी, सांगटी, संजौली, चंलौठी, भराड़ी, कुफ्टाधार, टुटू, घौड़ाचौकी, कैथू, बालूगंज, समरहिल, लोअर बाजार, राम बाजार और मालरोड समेत शहर के अन्य क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति देने का दावा शिमला जल प्रबंधन कंपनी ने किया था, लेकिन लोगों को मटमैला मिल रहा है। शिमला जल प्रबंधन कंपनी का कहना है कि गिरि में शुक्रवार को दोपहर तक तीन पंप चले हैं, जबकि गुम्मा में छह पंप दोपहर तक शुरू कर दिए गए थे। दोपहर बाद वर्षा होने से दोनों ही परियोजनाओं में गाद की समस्या और बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है।
शिमला जल प्रबंधन कंपनी के एजीएम सुमित सूद का कहना है कि गिरि और गुम्मा में पंपिग शुरू हो गई है लेकिन वर्षा से पंपिग कभी भी बंद हो सकती है। शुक्रवार को तय शेड्यूल के तहत जोन वाइज पानी की आपूर्ति शहर में दी गई है। शेष क्षेत्रों में शेड्यूल के तहत शनिवार को पानी की आपूर्ति दी जाएगी। शुक्रवार को राजधानी में जलापूर्ति करने वाली योजनाओं से शुक्रवार को 32.24 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) पानी मिला है, जिसे निर्धारित शेड्यूल के तहत आवंटित करने का दावा कंपनी ने किया है। शुक्रवार को गुम्मा से 14.38, गिरि से 8.39, चुरट से 3.40, सियोग से 0.98, चैयड़ से 0.60 और कोटी बरांडी से 4.49 एमएलडी पानी मिला है।