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शांति विहार वार्ड में लोगों को नहीं शांति

हर घर के चारों तरफ बिजली के तारों का जंजाल आम सी बात है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 08:49 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 08:49 AM (IST)
शांति विहार वार्ड में लोगों को नहीं शांति
शांति विहार वार्ड में लोगों को नहीं शांति

जागरण संवाददाता, शिमला : हर घर के चारों तरफ बिजली के तारों का जंजाल आम है। सड़क साल दर साल इतनी तंग होती जा रही है कि अब बाइक चलने लायक ही रह गई है। नगर निगम की नालियां बनने के कुछ दिन बाद ही उखड़ गई हैं। ये हालत नगर निगम शिमला के शांति विहार वार्ड की है। हालांकि यहां पर कूड़ा उठाने वाले समय पर आते हैं। पानी की आपूर्ति भी सही है, लेकिन अन्य सुविधाओं के लिए अभी लोग तरस रहे हैं। वार्ड में कोई पार्किंग की सुविधा नहीं है, जहां पर वाहन पार्क किए जा सकें। लोगों को सड़क पर वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। ऐसे में चोरी की वारदातों का डर रहता है। कुछ क्षेत्र मर्ज एरिया है। ऐसे में लोगों को बिजली, पानी कमर्शियल दरों पर मिल रहा है, क्योंकि पहले पंचायत एरिया था। तब लोगों ने बिना नक्शे के घर बनाए हुए थे, लेकिन नगर निगम एरिया शमिल हुआ तो जो घर बिना नक्शे के बने हुए थे। उन्हें कमर्शियल दरों पर पानी-बिजली का बिल देना पड़ा। इसके साथ ही सीवेज कनेक्शन भी लेना पड़ा।

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पार्षद शारदा चौहान ने कहा कि तारों की समस्या लंबे समय से है। अब कैसे ठीक करैं। मैंने नालियां अभी ही बनवाई हैं।

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ट्रांसफार्मर से परेशान लोग

वार्ड में एक घर के साथ ट्रांसफार्मर पूरी तरह सटा हुआ है। इस कारण लोगों को डर सताता रहता है। 22 हजार वोल्टेज का ट्रांसफार्मर लगा है। एचटी लाइन लोगों के घरों के ऊपर से गुजर रही है। कुछ साल पूर्व एक व्यक्ति की मौत इसी लाइन से टच होने के कारण चली गई। लोगों ने कई बार प्रशासन के समक्ष इसे यहां से स्थानांतरित करने की मांग रखी, लेकिन प्रशासन ने कोई भी कदम नहीं उठाया। लोगों को इस वजह से काफी डर सताता रहता है।

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यहां पर बंदरों को आतंक काफी ज्यादा है। बंदरों के आतंक के कारण लोग घरों से निकल नहीं पाते हैं। बच्चों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार नगर निगम प्रशासन को बताया है, लेकिन कोई कारवाई नहीं होती है।

प्रेम लाल। शाम को सड़क पर बाइक और गाड़ियां खड़ी होती हैं। अगर आपातकालीन में किसी को लेकर जाना हो तो एंबुलेंस ले जाना मुश्किल हो जाता है। जिन लोगों की गाड़िया लगी होती हैं, उनसे गाड़ियां हटवानी पड़ती हैं। कुछ साल पहले इस सड़क से ट्रक आता था औैर अब कार भी आना मुश्किल है।

-बीके चौहान। लोगों ने घरों के छज्जे इतने बढ़ा रखे हैं। ये देख ही सकते हैं। कोई ही घर ऐसा होगा जिसका छज्जा एक्स्ट्रा न हो, लेकिन नगर निगम के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। यही वजह है कि सड़क के ऊपर लोगों के घर बन चुके हैं। पिछले कई साल से ऐसे घर बन गए हैं।

देवेंद्र वर्मा। जो नालियां बनाई गई हैं, उन्हें कोई साफ भी नहीं करता है। ओवरफ्लो होने के कारण कई बार घर में पानी आ जाता है। अगर प्रशासन को बताएं तो जवाब मिलता है हम थोड़ी देर में आते हैं, लेकिन फिर भी कोई स्थायी इलाज नहीं हो पाता है।

-एमएल गुप्ता। जब ये नालियां बनी थी तो कुछ दिन बाद ही इनका सीमेंट उखड़ गया था। अब जगह जगह से उखड़ चुकी हैं। नालियां टूटी होने के कारण कचरा फंस रहा है। लोगों के घरों का पानी नालियों में नहीं बहता बल्कि ऐसे खुले में बहता है। सीवेज की पाइपें लोगों के घरों के पास लीक करती हैं।

-एनके गुप्ता। हमारे घर के पास 22 हजार वोल्टेज का ट्रांसफार्मर लगाया गया है। कई साल से ये स्थापित है, लेकिन रिहायशी क्षेत्रों में ऐसे ट्रांसफार्मर से काफी नुकसान हो सकता है। लोग यहां डर के साये में जीते है। मैंने अपने पैसे खर्च कर डंगा ट्रांसफार्मर के लिए लगाया था। हमने कई बार प्रशासन से मांग की कि यहां से इसे हटाया जाए। एचटी लाइन लोगों के घरों से गुजर रही है।

-एनके गुप्ता


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