कोरोनाकाल ने हिमाचल को 1200 करोड़ के ओवरड्राफ्ट तक पहुंचाया
राज्य ब्यूरो शिमला कोरोनाकाल ने हिमाचल प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट तक प
राज्य ब्यूरो, शिमला : कोरोनाकाल ने हिमाचल प्रदेश को 1200 करोड़ रुपये के ओवरड्राफ्ट तक पहुंचा दिया। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले माह यानी अप्रैल 2020 में ही ओवरड्राफ्ट 600 करोड़ पार कर गया था। इसके बाद सरकार आर्थिक संकट के चक्रव्यूह में घिरती चली गई।
पूर्ण लॉकडाउन के कारण समूची आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई। सरकार सहित पूरा राष्ट्र प्रभावित हुआ था। केंद्र सरकार की ओर से राज्य के लिए अल्पावधि के लिए कर्ज की सीमा 550 करोड़ से बढ़ाकर 880 करोड़ की गई। सरकार जरूरत के हिसाब से पैसा उठाती चली गई और साथ-साथ प्राप्ति होने से ओवरड्राफ्ट कम भी होता रहा। घरेलू उपभोक्ताओं को महंगे बिलों से बचाने के लिए 34.20 करोड़ की सब्सिडी दी गई।
शिमला स्थित राज्य विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 9125.12 करोड़ का अनुपूरक बजट रखा। इसमें से 8448.17 करोड़ गैर योजना व देनदारियों के लिए रखा गया। 280.84 करोड़ योजनागत व 396.11 करोड़ केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रविधान किया गया है। गैर योजना व्यय में 7999.57 करोड़ का वेज एंड मिनस एडवांस के लिए रखे गए, जिसका प्रविधान भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से प्रदान है।
मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि 880 करोड़ रुपये की सुविधा का प्रदेश सरकार ने लाभ उठाया ताकि प्रदेश पर दीर्घकालीन कर्ज का बोझ न पड़े। परिणामस्वरूप राज्य आर्थिक मंदी के दौर से बाहर निकलने लगा है। परिवहन निगम व पर्यटन निगम कर्मचारियों को वेतन
लॉकडाउन के कारण हिमाचल पथ परिवहन निगम और राज्य पर्यटन विकास निगम की आय के साधन बंद हो गए थे। ऐसे में कर्मचारियों के वेतन-पेंशन का संकट खड़ा हो गया था। परिवहन निगम को 258.76 करोड़ व पर्यटन निगम को करीब सौ करोड़ प्रदान किए गए। पुल निर्माण व ब्लैक स्पॉट के लिए 57.64 करोड़ व सड़क सुरक्षा के लिए 57.64 करोड़, टैरिफ रोल बैक उपदान के लिए 34.20 करोड़, पशुपालन विभाग को गोवंश संरक्षण के लिए 17.1 करोड़ व स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को एंबुलेंस सेवाओं के लिए 107 करोड़, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय के लिए 14.19 करोड़ और चुनाव विभाग के लिए 14.5 करोड़ का प्रविधान किया गया। इन योजनाओं के लिए भी प्रविधान
स्वास्थ्य विभाग को 108 करोड़ भवन निर्माण के लिए, उद्यान विभाग को विश्व बैंक वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए 86.74 करोड़, भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन और तत्तापानी और सलापड़ क्षेत्र के बीच जल परिवहन परियोजना विकास के लिए 45.84 करोड़ रुपये रखे गए हैं। 17.36 करोड़ शिक्षा विभाग को भवन एवं पार्किग निर्माण के लिए 11.93 करोड़ लोक विभाग को सड़क एवं भवन निर्माण के लिए दिए। पीएमजीएसवाइ के तहत 153.66 करोड़, 77.15 करोड़ केंद्रीय सड़क निधि, 67 करोड़ स्मार्ट सिटी मिशन, सहकारिताओं को कर्ज देने के लिए 58.55 करोड़, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 9.76 करोड़ और कौशल उपयोगिता के लिए 9.57 करोड़ दिए गए।