पदम पैलेस से मोक्ष धाम तक उमड़ा जनसैलाब
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन करने के लिए काफी जनसैलाब उमड़ा।
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन करने के लिए रामपुर के पदम पैलेस में सुबह छह बजे से ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। पदम पैलेस के दरबार हाल में वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह को लोगों के दर्शन के लिए रखा गया था। लोगों की कतारें उनके दर्शन करने के लिए लगी रहीं। शनिवार दोपहर तीन बजे वीरभद्र की पार्थिव देह को पदम पैलेस से बाहर निकाला गया।
रामपुर स्थित पैलेस से मोक्ष धाम तक लोगों का खूब जनसैलाब उमड़ा। अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से लोग पहुंचे थे। वहीं देशभर से कई कांग्रेस के दिग्गज नेता भी सुबह ही रामपुर पहुंच गए थे। रामपुर के जोबनी बाग स्थित मोक्ष धाम में राजकीय सम्मान के साथ वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। इस श्मशानघाट में राज परिवार से संबंध रखने वाले राजा और रानियों के अंतिम संस्कार के लिए विशेष स्थान है। यहां वर्षो पहले मृत्यु प्राप्त कर चुके राजा और रानियों के शिलालेख और चित्र आज भी मौजूद हैं। पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ निकली अंतिम यात्रा
राज दरबार परिसर से मुख्य बाजार होते हुए वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा निकाली गई। चार ठहरियों से पहुंचे बाजेदार अंतिम यात्रा के दौरान पौराणिक परंपराओं का निर्वहन कर रहे थे। परंपरा है कि राजा के मरणोपरांत उल्टे बाजे की धुन पर उन्हें श्मशानघाट तक पहुंचाया जाता है। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे। जब तक सूरज-चांद रहेगा राजा तेरा नाम रहेगा, के नारों से गूंजता रहा रामपुर
प्रदेश के लाखों लोगों के दिल पर राज करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। इस दौरान जब तक सूरज-चांद रहेगा राजा साहब का नाम रहेगा, राजा नहीं फकीर है हिमाचल की तकदीर है, के नारे गूंजते रहे। इसी तरह वीरभद्र के समर्थकों ने रामपुर पहुंचने से लेकर मोक्ष धाम तक देखो कौन आया, शेर आया, के नारे लगाते हुए अपने राजा को विदाई दी।