किसानों व अधिकारियों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
शून्य लागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की ओर स
जागरण संवाददाता, शिमला : शून्य लागत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की ओर से प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत अभी तक 1548 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है। लोगों में प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पशु पालन, बागवानी और कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए राज्य कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान क्रैगनैनो में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें तीनों विभागों के 50 अधिकारियों ने प्रशिक्षण लिया। इस दौरान प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि छह जिलों के अधिकारियों को प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षण दे दिया गया है। बाकी बचे छह जिलों के अधिकारियों को अगले माह प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला के दौरान उन्होंने अधिकारियों को पदमश्री सुभाष पालेकर की प्राकृतिक खेती से पाए गए परिणामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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एसपीएनएफ के घटकों की दी जानकारी :
कार्यशाला के दौरान सोलन जिला के उप निदेशक डॉ. अजब कुमार नेगी ने सुभाष पालेकर नेचुरल फार्मिग के घटकों बारे बताया। मुख्य घटकों बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत और वापसा के बारे में विस्तार से बताया। इसमें किए जाने वाले छिड़काव की सारणी के बारे भी अवगत करवाया गया। बिलासपुर से आत्मा परियोजना के निदेशक डॉ. देशराज शर्मा ने फसल सुरक्षा के विभिन्न घटक निर्माण एवं छिड़काव विधियों के बारे में जानकारी दी।
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किसानों को प्रशिक्षण :
प्राकृतिक खेती खुशहाल योजना के तहत राज्य कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान क्रेगनैनो में ही 36 किसानों के एक समूह को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें 16 किसानों ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में प्राकृतिक खेती शुरू कर दी है, जिसके शुरूआती परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं।