कुशलता से आपराधिक मामले निपटाएंगे पंचायत प्रतिनिधि
प्रदेश की पंचायतों में आपराणिक मामलों की संख्या के काफी तादाद में लंबित होने के कारण इनके निपटारे के लिए प्रदेश की 3226 पंचायतों के प्रतिनिधयों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश की पंचायतों में आपराधिक मामले काफी संख्या में लंबित पड़े हैं। उनके निपटारे के लिए प्रदेश की सभी 3226 पंचायतों के प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। पंचायतों को प्रदान शक्तियों के तहत वह उन आपराधिक मामलों की सुनवाई कर रही हैं, जिनमें वह अधिकतम सौ रुपये का जुर्माना लगा सकती हैं।
पंचायतों को लड़ाई-झगड़े, मारपीट और अन्य आपराधिक मामलों को सुनने का अधिकार दिया गया है। ऐसे मामलों की सुनवाई प्रधान, उपप्रधान या वार्ड पंच भी कर सकते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण व कम अनुभव के अभाव में लंबित मामलों का आंकड़ा हजारों में है। यही कारण है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग प्रदेश के सभी प्रधानों, उपप्रधानों और वार्ड पंच सहित पंचायत सचिवों को दो दिन का विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
इस विशेष प्रशिक्षण को खंड स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सभी पंचायत प्रतिनिधियों को कानून की बारीकियां बताई जा रही हैं। प्रशिक्षण 23 जुलाई से शुरू हुआ है जो 22 अगस्त तक चलेगा। गौर रहे कि कम संगीन और जमानती धाराओं के तहत आते आपराधिक मामलों को सुनने का अधिकार पंचायतों को दिया गया है। -------
प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। पंचायतों में लंबित मामलों की संख्या के अधिक होती जा रही है। उन्हें समय पर निपटाने के लिए प्रतिनिधियों को इस तरह का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
-वीरेंद्र कंवर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री। ---------
मशोबरा विकास खंड की 12 पंचायतों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसमें पंचायतों में आने वाले आपराधिक मामलों के साथ अन्य मामलों के संबंध में जानकारी दी जा रही है।
-बीआर वर्मा, खंड विकास अधिकारी मशोबरा
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