हफ्ते के पहले कामकाजी दिन जाम ने निकाला पसीना
राजधानी में जाम की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। सोमवार को सुबह नौ बजे से जाम लगने का सिलसिला शुरू हुआ।
जागरा संवादाता, शिमला : राजधानी में जाम की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। सोमवार को सुबह नौ बजे से जाम लगने का सिलसिला शुरू हुआ। बालूगंज से पुराने बस स्टैंड पहुंचने में लोगों को दो घंटे का समय लगा। सुबह स्कूली बच्चे और नौकरीपेशा लोग समय पर पहुंचने की चिता में दिखे। पुलिस का दावा था कि शहर को जाममुक्त रखा जाएगा। सुबह के समय बीसीएस से खलीनी तक जाम के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। चौराहे पर तैनात पुलिस कर्मचारी जाम को खोलने की कोशिश करते रहे। जाम के कारण वाहनों की कतार घोड़ा चौकी से विक्ट्री टनल तक लग गई। शिमला घूमने आए पर्यटक भी कई घंटों तक जाम में फंसे रहे।
रविवार की छुट्टी के बाद शिमला की सड़कों पर सोमवार को सुबह यातायात बढ़ गया, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या गहरा गई। शहर के विक्ट्री टनल से लेकर लक्कड़ बाजार आइजीएमसी तक वाहनों की कतारें लगी रही। सड़क के किनारों पर अनधिकृत पार्किंग और संकरी सड़क को जाम का मुख्य कारण बताया जा रहा है। इसके अलावा शहर के सुर्कलर रोड, टूटीकंडी, क्रासिग से विक्ट्री टनल के बीच भी सुबह के समय यातायात जाम लगता रहा। वहीं, लक्कड़ बाजार-कुफटाधार मार्ग पर भी जाम ने लोगों को दिक्कतों में डाला।
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लोगों ने लगाए आरोप
सोमवार को एवरसन्नी में स्टेट बैंक तक वाहन कतारबद्ध दिखे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उक्त मार्ग किनारे पर छोटे वाहन पार्क रहते हैं। दोनों तरफ से बसों की आवाजाही के दौरान अकसर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। आरोप है कि इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से की जा चुकी है, मगर आज तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। ट्रैफिक जाम के कारण उक्त मार्ग पर आए दिन यात्रियों को एवरसन्नी व रेडिसन होटल से बाजार तक पैदल सफर करना पड़ता है।
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घंटों लेट हो गई बसें
शिमला के ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने वाली बसें और शहर से ग्रामीण क्षेत्रों को जाने वाली बसें कई घंटे लेट हो गई। बसें जाम में फंसी रही और अपने गंतव्य तक देरी से रवाना हो पाई। ग्रामीण क्षेत्रों से शिमला आ रहे कुछ लोग तो बसों से उतर कर पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचे।