कोरोना वायरस का खतरा टालने के लिए बदला पर्ची बनाने का समय
प्रदेश के बड़े स्वास्थ्य संस्थान आइजीएमसी शिमला में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में हल्का बदलाव किया गया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के बड़े स्वास्थ्य संस्थान आइजीएमसी शिमला में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में हल्का बदलाव किया गया है। दैनिक जागरण में मंगलवार को प्रकाशित लाइव रिपोर्ट 'भीड़ से बढ़ा कोरोना का खतरा' पर संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने पर्ची बनाने के समय में फेरबदल किया है। कोरोना वायरस का खतरा टालने के लिए आइजीएमसी में 21 अप्रैल से सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक ही पर्ची काउंटर खुला रहेगा। इसके बाद पर्ची नहीं बनेगी।
मौजूदा समय में सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर बाद चार बजे तक अस्पताल के पर्ची काउंटर में विभिन्न ओपीडी में चेकअप करवाने के लिए मरीजों की पर्ची बनती है। कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण यह समय अब सीमित कर दिया गया है। इससे ओपीडी, पर्ची काउंटर, टेस्ट की फीस जमा करवाने और टेस्ट करवाने वाले काउंटर पर भीड़ छंटेगी और कोरोना का खतरा कम होगा।
पिछले साल भी कोरोना के खिलाफ सतर्कता बरतते हुए अस्पताल प्रशासन ने पर्ची बनाने का समय कम किया था। आइजीएमसी में रोजाना दो से तीन हजार लोग चेकअप करवाने आते हैं। तीमारदार साथ होने पर यह संख्या दोगुनी हो जाती है। इसके अलावा विभिन्न वार्डो में 850 से 900 मरीज दाखिल रहते हैं। इसलिए सुबह से लेकर शाम तक अस्पताल में भीड़ रहती है। आइजीएमसी के एमएस डा. जनकराज का कहना है कि संक्रमण के बढ़ते फैलाव को देखते हुए जनहित में यह फैसला लिया गया है। अस्पताल में दी जा रही आपातकालीन सेवाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आपातकालीन सेवाएं दिन रात जारी हैं। आइजीएमसी में कोरोना के 25 मामले
आइजीएमसी में सोमवार को कोरोना के 25 मामले सामने आए। इनमें मरीजों के साथ डॉक्टर, नर्से व अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इसे आइजीएमसी में बढ़ती भीड़ का नतीजा माना जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अधिक जरूरी हो तभी अस्पताल का रुख करें। डॉक्टरी परामर्श के लिए मरीज ऑनलाइन ओपीडी का सहारा ले सकते हैं। अस्पताल आने वाले लोगों को मास्क पहनने और उचित शारीरिक दूरी बनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।