तीन निजी विश्वविद्यालयों को दो-दो लाख जुर्माना
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने प्रदेश के तीन निजी
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने प्रदेश के तीन निजी विश्वविद्यालयों को दो-दो लाख रुपये जुर्माना किया है। इन विश्वविद्यालय ने शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन में कटौती की थी और छात्रों को सिक्योरिटी फीस भी वापस नहीं की थी। आयोग ने शिकायतें मिलने पर तीनों निजी विश्वविद्यालयों से रिकॉर्ड मांगा था।
बुधवार को रिकॉर्ड आने के बाद मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान सात अप्रैल से पहले जुर्माने की राशि जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इस दिन मामले की दोबारा सुनवाई होगी।
छात्रवृत्ति के लिए रखे थे मूल प्रमाणपत्र
जांच में सामने आया है कि दाखिले के दौरान छात्रों से जमा दो कक्षा का मूल प्रमाणपत्र लिया था। विश्वविद्यालयों ने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए मूल प्रमाणपत्र की जरूरत होती है। इसके न होने पर छात्रवृत्ति का बजट जारी नहीं होता है। इसलिए छात्रों से मूल प्रमाणपत्र लिए थे। आयोग ने विश्वविद्यालयों को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रमाणपत्रों की जांच-पड़ताल करने के बाद इन्हें छात्रों को वापस किया जाना चाहिए था।
सिक्योरिटी फीस वापस करें विश्वविद्यालय
छात्रों से दाखिले के दौरान ली जाने वाली सिक्योरिटी फीस वापस न करने की शिकायतें लगातार आयोग के पास आ रही हैं। आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे पासआउट होने के बाद छात्रों की पूरी सिक्योरिटी फीस वापस करें। भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृति हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
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वेतन में कटौती, सिक्योरिटी फीस वापस न करने और छात्रों के मूल प्रमाणपत्र रखने पर तीन निजी विश्वविद्यालयों को दो-दो लाख रुपये जुर्माना किया है। इस मामले की सात अप्रैल को दोबारा सुनवाई होगी।
-सेवानिवृत्त मेजर जनरल अतुल कौशिक, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग