हिमाचल : चलती कार पर झपट पड़े एक साथ तीन तेंदुए, बाप-बेटा घायल
son and father injured leopard attack शिमला में चलती कार तीन तेंदुओं ने हमला कर बाप व बेटे को घायल कर दिया।
शिमला, जेएनएन। शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कालीहट्टी में चलती कार तीन तेंदुओं ने हमला कर बाप व बेटे को घायल कर दिया। उनके शोर मचाने पर तेंदुए रात के सन्नाटे में देखते ही देखते आंखों से ओझल हो गए। तेंदुए के हमले के बाद से इलाके लोग खौफजदा हैं। यह घटना शनिवार रात की है।
शनिवार शाम को दोछना निवासी जिया लाल अपने बेटे के साथ कार से घर जा रहे थे। कालीहट्टी के पास एक नाले के पास से बाप-बेटा गुजरे ही थे कि अचानक तीन तेंदुए उनकी कार पर झपट पड़े। इस हमले में कारण का शीशा टूट गया। तेंदुए जियालाल पर झपट पड़े और उसे जख्मी कर दिया। जियालाल के बचाव में आया उनका बेटा भी तेंदुओं के हमले में घायल हो गया। उनके शोर मचाने पर तेंदुए भाग गए। स्थानीय पंचायत के उपप्रधान योगेश चौहान ने पुलिस व वन विभाग पूरी घटना की जानकारी दी।
उधर, उदघोष संस्था के चेयरमैन हेमराज ने बताया कि शिमला की पंचायत मायली जेजड़ व कोहबाग क्षेत्रों में तेंदुओं की दहशत है। शिकायत के बावजूद कुछ नहीं हुआ है। डीएफओ शिमला सुशील राणा ने बताया कि वन विभाग की टीम घटनास्थल पर गई थी। उस जगह तेंदुआ देखा गया है। तेंदुए को पकडऩे के लिए पिंजरा लगाया जाएगा।
12 मामले आए सामने
प्रदेश में अब तक तेंदुए के हमले के करीब 12 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें कुछ लोग तो बहुत ज्यादा घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करना पड़ा। ये मामले वो हैं जो वन विभाग के पास रिपोर्ट किए गए हैं जबकि बहुत से मामले रिपोर्ट ही नहीं होते हैं।
आखिर क्यों रिहायशी इलाकों में दिख रहे तेंदुए
तेंदुए के आबादी क्षेत्र में दिखने के कई कारण हैं। पहला कारण जंगलों को आग के सुपुर्द करना और वहां पर भोजन का न मिलना। दूसरा यह कि रिहायशी इलाकों में लावारिस कुत्तों की बढ़ती संख्या है। यहां इस जंगली जानवर को आसानी से शिकार मिल जाता है। तेंदुए सुबह व सायं के समय खाने की तलाश में ज्यादा सक्रिय होते हैं।