एक कक्षा में नहीं बैठेंगे 20 से अधिक विद्यार्थी
कोरोना महामारी के खतरे के बीच स्कूलों को नियमित खोलने की तैयार
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना महामारी के खतरे के बीच स्कूलों को नियमित खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। अधिक विद्यार्थी होने पर इनकी भी कक्षा एक साथ नहीं लगेगी। कोरोना से बचाव के लिए छोटी सेक्शन बनाई जाएंगी। एक सेक्शन में 20 से अधिक विद्यार्थी नहीं होंगे। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अंतिम फैसला होगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि पहले चरण में केवल बोर्ड कक्षाओं को ही बुलाया जाएगा। 10वीं और 12वीं कक्षा के बच्चे ही स्कूल आएंगे।
क्षा में सीटिंग प्लान भी बदला जाएगा, ताकि शारीरिक दूरी के नियम का पालन हो। प्रार्थना सभा और खेल गतिविधियां नहीं होंगी। विद्यार्थियों को कोरोना की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि वे अपने स्वजनों और दूसरे लोगों को जागरूक कर सकें।
केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने की अनुमति दी है, लेकिन राज्यों को अपने स्तर पर इस पर अंतिम निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। इसे देखते हुए विभाग ने यह प्लान तैयार किया है। हालांकि प्रदेश में 15 से स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। वर्तमान में परामर्श लेने के लिए नौवीं से जमा दो कक्षा के विद्यार्थी स्कूल आ रहे हैं।
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मार्च में होंगी पहली से 12वीं तक की परीक्षाएं
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के अलावा स्कूल शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पहली से जमा दो कक्षा तक की वार्षिक परीक्षाएं मार्च में होंगी। 70 फीसद पाठ्यक्रम से ही यह परीक्षाएं आयोजित होंगी। सरकार ने इससे पहले नौवीं से 12वीं तक की परीक्षाएं मार्च में करवाने का निर्णय लिया था। चूंकि प्रदेश में स्कूल अभी भी नहीं खुले हैं, ऐसे में सभी कक्षाओं की परीक्षाएं मार्च में ही करवाने का निर्णय लिया गया है। विभाग का कहना है कि इससे विद्यार्थियों को तैयारी के लिए काफी समय मिल सकेगा।
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स्कूल कब से खुलेंगे इस पर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं मार्च में ही करवाई जाएंगी। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है।
-राजीव शर्मा, सचिव शिक्षा।