अस्पताल में दाखिल मरीजों के होंगे टीबी टेस्ट
जिला शिमला के हर अस्पताल में दाखिल मरीजों के अब टीबी के टेस्ट किए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, शिमला : जिला शिमला के हर अस्पताल में दाखिल मरीजों के अब टीबी के टेस्ट किए जाएंगे। जिन मरीजों को अन्य बीमारी के साथ टीबी के लक्षण नजर आएंगे तो उनके सैंपल लिए जाएंगे ताकि समय पर टीबी होने का पता लग सके।
जिले में टीबी की जांच के लिए विभाग की ओर से एक्टिव केस फाइडिग यानी एसीएफ अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत अब तक जिलेभर में करीब 25 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में टीबी का खतरा बढ़ सकता है। इस आशंका के आधार पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से टीबी की जांच करने की अपील की है। जिन लोगों को कोरोना संक्रमण के बाद लंबे समय तक खांसी, जुकाम के लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें टीबी की जांच करवाने को कहा जा रहा है।
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बीच टीबी के मामले बढ़ने के बाद एहतियात के तौर पर टीबी की जांच करवाने की हिदायत दी जा रही है। कोरोना संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित करता है और लंबे समय तक संक्रमण बने रहने व खांसी रहने से टीबी की आशंका बढ़ जाती है।
जिला निगरानी अधिकारी डा. राकेश भारद्वाज का कहना है कि जिले में कोरोना सहित टीबी को लेकर सतर्कता बरतना जरूरी हो गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण होने के बाद खांसी, बुखार व जुकाम लंबे समय तक बरकरार रहे तो टीबी की जांच अवश्य करवाएं ताकि समय रहते मरीज को इलाज मिल सके। टीबी के लक्षण व बचाव
टीबी एक संक्रामक रोग है। टीबी का बैक्टीरिया सांस से फैलता है। यह छींकने या खांसने पर मुंह से निकले कणों से भी फैलता है। तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, खांसी में खून आना, सीने में दर्द या सांस लेने व खांसने में दर्द होना, लगातार वजन कम होना, चक्कर आना, रात में पसीना आना, ठंड लगना और भूख न लगना टीबी के लक्षण हैं। टीबी की रोकथाम के लिए बच्चों को बीसीजी का टीका लगवाएं। लक्षण नजर आने पर अपने नजदीकी डाक्टर से संपर्क करें। टीबी के मरीज के संपर्क में आने से बचें। उनका बेड, तौलिया शेयर न करें और एक ही कमरे में न सोएं। मास्क का इस्तेमाल करें। अगर किसी को टीबी हो तो वे सार्वजनिक जगह पर जाने से बचे।