सूरजकुंड शिल्प मेले में इस बार हिमाचल थीम राज्य
हरियाणा के सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में हिमाचल प्रदेश थीम राज्य के तौर पर 23 वर्षों बाद भागीदारी निभाएगा।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हरियाणा के सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में हिमाचल प्रदेश थीम राज्य के तौर पर 23 वर्ष बाद भागीदारी निभाएगा। मेले में 15 दिन तक हिमाचल के परंपरागत लोक नृत्य, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के साथ पहाड़ी व्यंजन और कला को भी दिखाने का मौका मिलेगा। थीम राज्य के तौर पर मेला एक दिन हिमाचल पर ही फोकस रहेगा।
हिमाचल के अधिकारी प्रदेश की भागीदारी को लेकर जल्द हरियाणा का दौरा करेंगे। यह आश्वासन मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने सोमवार को सूरजकुंड मेले के 34वें संस्करण के लिए चल रही तैयारियों के लिए हरियाणा पर्यटन, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और हिमाचल के वरिष्ठ अधिकारियों की शिमला के पीटरहॉफ में हुई बैठक के दौरान दिया। बैठक में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन विजई वर्धन, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मौजूद रहे। वर्धन ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से थीम स्टेट के रूप में हिमाचल की भागीदारी के संबंध में जानकारी दी। निदेशक पर्यटन यूनुस को इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
हिमाचल ने सूरजकुंड मेले में पहली बार थीम स्टेट के रूप में 1996 में भाग लिया था। हिमाचल ने सूरजकुंड मेला ग्राउंड में महेश्वर देवता मंदिर गेट की प्रतिकृति बनाई गई थी। श्रीकांत बाल्दी ने 23 वर्ष से इस प्रतिकृति को बनाए रखने के लिए हरियाणा पर्यटन और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना की। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह स्मरणोत्सव, फूड स्टॉल और पर्यटन मंडप की योजना बनाकर सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों का दल जल्द ही सूरजकुंड का दौरा करेगा। विजई वर्धन ने मेले के दौरान हिमाचल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। बैठक में अतिरक्त मुख्य सचिव भाषा एवं संस्कृति विभाग राम सुभग सिंह, संयुक्त निदेशक उद्योग टीएस नेगी, निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, रमन सिंह, केके यादव, दिलावर सिंह, धर्मवीर, राजेश, राजेंद्र कुमार शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।