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ट्यूशन फीस में वृद्धि वापस ले डीपीएस स्कूल

छात्र अभिभावक मंच के बैनर तले दयानंद पब्लिक स्कूल के बाहर अभिभावकों

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:00 PM (IST)
ट्यूशन फीस में वृद्धि वापस ले डीपीएस स्कूल
ट्यूशन फीस में वृद्धि वापस ले डीपीएस स्कूल

जागरण संवाददाता, शिमला : छात्र अभिभावक मंच के बैनर तले दयानंद पब्लिक स्कूल के बाहर अभिभावकों ने ट्यूशन फीस में 65 फीसद बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। अभिभावकों को देखकर स्कूल प्रबंधन ने स्कूल का गेट बंद कर दिया। इस पर अभिभावकों ने आपत्ति जताई। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को चेतावनी दी कि अगर फीस बढ़ोतरी वापस नहीं ली तो प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन तेज होगा।

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मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, सदस्य भुवनेश्वर सिंह, रमेश शर्मा, राजीव सूद, विक्रम शर्मा, हेमंत शर्मा, मनीष मेहता, अंजना मेहता, रजनीश वर्मा, ऋतुराज, यशपाल, पुष्पा वर्मा, संदीप शर्मा, यादविद्र कुमार व कपिल अग्रवाल ने कहा कि अभिभावक सुबह 10 बजे स्कूल परिसर के बाहर एकत्रित हुए और स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने की मांग करते रहे लेकिन प्रधानाचार्य व प्रबंधन उनसे नहीं मिले और गेट बंद कर दिया।

शिक्षा निदेशक से अधिसूचना को लागू करने की मांग

अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह तुरंत दयानंद पब्लिक स्कूल के मामले में हस्तक्षेप करें और पांच दिसंबर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी। इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 और उसके बाद कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बिना फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद डीपीएस स्कूल ने वर्ष 2020 में फीस बढ़ोतरी की और वर्ष 2021 में तो सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ट्यूशन फीस में 65 फीसद तक बढ़ोतरी कर दी।

सरकार पर लगाया निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत का आरोप

छात्र अभिभावक मंच ने आरोप लगाया कि दो सौ मीटर दूर डीपीएस स्कूल में ही शिक्षा विभाग अपने आदेश को लागू नहीं करवा पा रहा है। इसका मतलब है कि निजी स्कूलों के साथ प्रदेश सरकार की मिलीभगत है। उन्होंने चेताया कि यदि तीन दिन के भीतर फीस बढ़ोतरी वापस न ली तो छात्र अभिभावक मंच शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन करेगा।

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प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान अधिनियम 1997 के अंतर्गत नियम 2003 के अनुसार पीटीए का गठन किया जाए। इसमें अभिभावकों में से दो तिहाई सदस्य और अध्यापकों में से एक तिहाई सदस्य चुने जाएंगे। पीटीए अध्यक्ष अभिभावकों में से चुना जाएगा। साथ ही उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार स्कूल प्रबंधन छात्रों से भवन निधि, विकास निधि व अवसंरचना निधि न वसूले और सबका विवरण सभा में पारित कर प्रस्ताव की प्रति शिक्षा निदेशालय को तुरंत प्रेषित की जाए।

-विजेंद्र मेहरा, माकपा नेता


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