बर्फ से ढकी वादियों में गूंजी छुक-छुक की आवाज
steam locomotive engine रेलवे का 113 साल पुराना इतिहास स्टीम लोकोमोटिव इंजन कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर उतरा।
शिमला, जेएनएन। 113 साल पुराना स्टीम लोकोमोटिव इंजन एक बार फिर कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर उतरा। इंग्लैंड से आए 12 पर्यटकों ने शिमला से कैथलीघाट तक 22 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर स्टीम इंजन से जोड़े कोच में सफर किया। बुधवार सुबह करीब 9:35 बजे रेलवे यार्ड से निकल कर स्टीम इंजन प्लेटफार्म पर पहुंचा। तीखी सीटी और छुक-छुक की आवाज सुनते ही रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्री और रेलवे स्टॉफ इंजन को देखने आगे बढ़ा।
प्लेटफार्म पर स्टीम इंजन में कोच जोड़े गए और इसके बाद इंग्लैंड से आए सैलानी कोच में सवार हो गए। बर्फ से ढकी वादियों में विदेशी पर्यटकों ने इस यात्रा का खूब आनंद उठाया। एक लाख 12 हजार में स्टीम इंजन की बु¨कग की गई थी। इस दौरान विदेशी पर्यटकों ने बर्फ की वादियों को कैमरे में कैद किया। मांग पर ही चलता है स्टीम इंजन उत्तर रेलवे के हेरिटेज ट्रैक पर पर्यटकों की मांग के अनुसार ही स्टीम इंजन चलाया जाता है। इंजन को कोच सहित बुक करना होता है और 22 किलोमीटर सफर तय करने के लिए पर्यटकों को एक लाख 12 हजार रुपये अदा करने होते हैं। शिमला में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रेलवे ने यह सुविधा दी है। पर्यटकों को यह सफर काफी पसंद भी आ रहा है। इसके कारण अब लगातार इंजन की बुकिंग हो रही है। खासकर विदेशी पर्यटक इसे पसंद कर रहे हैं।
विदेशी पर्यटकों की मांग पर स्टीम इंजन चलाया गया था। पर्यटकों को यह सफर काफी पसंद आ रहा है, यही कारण है कि अब इंजन की लगातार बुकिंग होने लगी है।
-प्रिंस सेठी, स्टेशन अधीक्षक शिमला रेलवे स्टेशन।