आशा वर्करों की दो टूक, कोविड में नहीं देंगी सेवाएं
रामपुर ब्लॉक की 90 आशा वर्कर्स ने सोमवार को बैठक कर प्र
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : रामपुर ब्लॉक की 90 आशा वर्कर्स ने सोमवार को बैठक कर प्रदेश सरकार को दो टूक कहा कि वे अब कोविड के क्षेत्र में काम नहीं करेंगी। इसके लिए उन्हें अगस्त से कोई इन्सेंटिव भी प्रदेश सरकार की ओर से नहीं मिल रहा है, जबकि वे कोविड के मामलों में लगातार सेवाएं रात दिन दे रही है। अब तो कोविड के क्षेत्र में खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।
रामपुर ब्लॉक में लगातार कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, जिन्हें देखने की सबसे अधिक जिम्मेवारी आशा वर्कर्स के कंधों पर हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग इनकी ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी आशाओं को कोविड के क्षेत्र में काम करने के लिए इंसेटिव दिया था, जिसके लिए उन्होंने उनका आभार भी व्यक्त किया है लेकिन अगस्त माह से उन्हें इसका लाभ नहीं मिला है। इससे आशा वर्कर्स में भारी रोष है।
आशा वर्कर यूनियन रामपुर की नवनियुक्त प्रधान आशा किरण ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि अब कोई भी आशा वर्कर्स कोविड के क्षेत्र में काम नहीं करेगी। वर्तमान में कोविड के दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं। मरीजों का पता लगाने व उन्हें जरूरी हिदायतें देने के लिए रात-दिन काम कर रही हैं और इसके लिए बदले में कुछ नहीं मिल रहा है। उन्हें जब भी कोविड के मरीज को देखने के लिए कॉल आती है तो वे सारे काम छोड़ कर उन्हें देखने जाती हैं। इसके लिए कई बार उन्हें कई किलोमीटर का पैदल भी सफर करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोविड के अतिरिक्त जितने भी कार्य उन्हें सौंपे गए हैं या फिर सौंपे जा रहे हैं, उन्हें सभी करेंगी लेकिन कोविड से जुड़े काम से किनारा कर लेंगी।
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स्वास्थ्य विभाग को झेलनी पड़ सकती है दिक्कतें
आशा वर्करों के कोविड कार्यो से पीछे हटने के बाद स्वास्थ्य विभाग को भारी दिक्कतों से दो चार होना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग पहले की कर्मचारियों का टोटा भी चल रहा है। कोविड के दौर में आशा वर्कर्स ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति को देखने के लिए ही बेहतर विकल्प है। अनदेखी से अब प्रदेश सरकार से नाराज हैं।
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आशा बनी आशा वर्कर्स यूनियन रामपुर की प्रधान
आशा वर्करों ने सोमवार को एक बैठक कर नई कार्यकारिणी का गठन किया है। इसमें सर्वसम्मति से आशा किरण को प्रधान, रीना को उपाध्यक्ष, मीरा को सचिव और कांता को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।