नशेड़ियों की पूछताछ से ब्रेक हो रहे अपराध
पहले अगर कहीं चोरी होती थी तो रिकॉर्ड में जो चोर होते थे,
जागरण संवाददाता, शिमला : पहले अगर कहीं चोरी होती थी तो रिकॉर्ड में जो चोर होते थे, उनसे पूछताछ की जाती थी और चोरियां ब्रेक होती थी, लेकिन अब कुछ साल से इसमें बदलाव आया है। अब पुलिस नशे के आदी लोगों से पूछताछ करती है फिर अपराध ब्रेक होता है।
यह बात पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने कही। वह स्वर्गीय सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट की ओर से नशा एक चुनौती विषय पर आयोजित संगोष्ठी में पहुंचे थे। कहा कि आज नशा काफी विकराल रूप ले चुका है। स्कूली दिनों में ही 80 फीसद छात्र नशे के आदी हो रहे हैं। जब मैंने शिमला जिला में एसपी का कार्यभार संभाला था तो स्टाफ से शिमला में नशा सप्लाई करने वाले तस्करों की लिस्ट मांगी थी। उस लिस्ट में करीब 32 नाम थे, जिनमें से अभी 28 तस्कर पकड़े जा चुके हैं, लेकिन नशे का जाल इतना फैल गया गया है कि सेवन करने वाले ही तस्कर बन चुके है। हैरानी की तो बात यह है कि अभिभावकों को पता होता है कि उनका बच्चा नशे का आदी है, मगर फिर भी उसकी नशे की लत छुड़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं करते हैं। स्कूल, अभिभावक एक-दूसरे पर जिम्मेवारियां डालते हैं।
पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने कहा कि सभी को अपने आसपास पता होता है कौन नशे का सेवन करता है, लेकिन कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। एक नशा कारोबारी को पकड़ने के लिए 15 से 20 दिन का समय लगता है, लेकिन जरा सी चूक पुलिस से हो तो फिर गिरफ्तार नहीं हो सकता है। वर्ष 2017 में शिमला में चिट्टे के केवल तीन मामले थे, लेकिन इस वर्ष अभी तक 45 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। नशे के खिलाफ हर व्यक्ति को जागरूक होना है। युवाओं की भूमिका नशे के खिलाफ लड़ने में काफी अधिक है। इसे एक आंदोलन के रूप में अपनाना होगा तभी नशामुक्त समाज रहेगा। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि वीके अग्रवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव ने शिरकत की। इस मौके पर पूर्व एबीवीपी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नागेश ठाकुर, एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा, पूर्व एबीवीपी प्रांत अध्यक्ष डॉ. संजय शर्मा, प्रो. अजय श्रीवास्तव, डॉ. कवलजीत, डॉ. संजय संधू, प्रांत संगठन मंत्री कौल नेगी, संगठन मंत्री गौरव अत्री आदि मौजूद रहे।