सामाजिक सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता
राज्य योजना बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए 7900 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना पर मोहर लगाई है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य योजना बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए 7900 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना पर मुहर लगाई है। यह वर्ष 2019-20 के योजना आकार से 800 करोड़ रुपये अधिक है। अगले वर्ष के लिए वार्षिक योजना में 11 फीसद की वृद्धि हुई है। अगले वित्त वर्ष में सामाजिक सेवा क्षेत्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल रहेगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश सचिवालय में राज्य योजना बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सामाजिक सेवा क्षेत्र को आवंटित राशि पूरी वार्षिक योजना का 44.14 फीसद है। हिमाचल में 3226 पंचायतों में से केवल 80 पंचायतें सड़कों से जुड़ने के लिए शेष रह गई हैं। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत तथा अन्य राज्यों से अधिक रही है जो वर्ष 2018-19 में 10.12 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1,76,968 रुपये रही। प्रदेश में पुरुष व महिला साक्षरता दर में अंतर चिंतनीय है। यह अंतर कम करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि इससे महिला सशक्तीकरण में मदद मिलेगी। स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि वे राज्य के विकास में सहयोगी बन सकें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सड़क परियोजनाओं में आने वाली सभी बाधाएं शीघ्र दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाह्य शौचमुक्त लक्ष्य हासिल करने के लिए सिक्किम के बाद हिमाचल प्रदेश दूसरा राज्य है। राज्य के अधिकतम क्षेत्र को सिचाई के तहत लाने के लिए सिंचाई क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
--------- विधायक प्राथमिकता व राज्य योजना बोर्ड की बैठक साल में दो बार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक प्राथमिकता के साथ राज्य योजना बोर्ड की बैठक साल में दो बार करने पर विचार किया जा रहा है। विधायक प्राथमिकता बैठक साल में दो बार होने पर विकास परियोजनाओं की समीक्षा होने से कार्यो में तेजी आएगी। राज्य योजना बोर्ड की बैठक भी साल में दो बार होने से सरकार की प्राथमिकताओं को लागू करना संभव होगा।
------------ अधिक राजस्व अर्जित करें : रमेश धवाला
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला ने कहा कि हिमाचल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बागवानी व सामाजिक सेवा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। वित्त वर्ष 2018-19 में राज्य में आर्थिकी की विकास दर में 7.3 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में शैक्षणिक संस्थानों के विस्तार के अलावा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने राज्य कोष बढ़ाने के लिए अधिक राजस्व अर्जित करने पर बल दिया।