रेलवे और सीपीडब्ल्यूडी की जमीन में लटक सकता है स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
जागरण संवाददाता शिमला स्मार्ट सिटी शिमला के प्रोजेक्टो के कुछ बड़े काम नगर निगम के लिए
जागरण संवाददाता, शिमला : स्मार्ट सिटी शिमला के प्रोजेक्टो के कुछ बड़े काम नगर निगम के लिए गले की फांस बन चुके हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 2900 करोड़ रुपये के प्रोजेक्टों को केंद्र ने मंजूरी तो दे दी है, लेकिन अब कुछ बड़े प्रोजेक्ट में रेलवे और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की अनुमति का अड़ंगा सामने आया है। इससे काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जारी दिशानिर्देश के मुताबिक जिन प्रोजेक्टों का जमीनी टाइटल साफ नहीं होगा उनके टेंडर नहीं किए जा सकते हैं। अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) न मिल पाने के कारण न तो नगर निगम प्रोजेक्ट पर काम शुरू करवा पा रहा है और न ही प्रोजेक्ट को छोड़ पा रहा है। क्योंकि नगर निगम के यह सभी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं। बिना जमीन के काम शुरू नहीं हो सकता और काम शुरू करवाने के लिए एनओसी आवश्यक है। निगम करेगा रेलवे व सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बैठक
निगम रेलवे और सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से अब चार अक्टूबर के बाद संयुक्त बैठक कर एनओसी का आग्रह करेगा। यदि अनुमति मिल जाती है तो इसके बाद ही इन प्रोजेक्टों के लिए टेंडर और अन्य प्रक्रियाएं शुरू करेगा। निगम ने इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। यह कमेटी ही अनापत्ति प्रमाण पत्र से लेकर साइट पर हो रहे काम का निरीक्षण करेगी। दो काम हो चुके हैं पूरे
स्मार्ट सिटी के तहत शहर में दो काम पूरे हो चुके हैं। इन कार्यो में 91 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें टका बैंच पर सुंदरीकरण और दूसरा शहर में छह ई-शौचालय। दोनों काम पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा 160 करोड़ के कार्यो के टेंडर भी हो चुके हैं। 240 करोड़ के कार्यो की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, काम जल्द ही अवार्ड हो जाएंगे। जबकि नगर निगम को 900 करोड़ के काम करवाने की अनुमति मिली है। इनमें कई बड़े प्रोजेक्टों के प्रपोजल तय है, लेकिन एनओसी न मिलने से काम लटके हैं। रेलवे और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ चार अक्टूबर के बाद बैठक की जाएगी। बैठक में स्मार्ट सिटी के कार्यो में आ रही जमीन के एनओसी की मांग की जानी है। इसके बाद इन कार्यो को अमलीजामा पहनाया जा सके।
पंकज राय, आयुक्त नगर निगम शिमला।