धारा 118 के उल्लंघन और रिश्वत से जुड़े मामले में मित्रा से छह घंटे पूछताछ
पूर्व मुख्य सचिव से एएसपी ने किए सवाल, 15 से 20 सवालों का जवाब देने में छूटे पसीन
शिमला, राज्य ब्यूरो। राजस्व अधिनियम की धारा 118 के उल्लंघन और रिश्वत से जुड़े मामले में पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य निर्वाचन आयुक्त पी मित्रा पर विजिलेंस का शिकंजा कस गया है। जांच एजेंसी ने आठ साल पुराने मामले में सोमवार को उनसे राज्य मुख्यालय शिमला में करीब छह घंटे पूछताछ की। 15 से 20 तीखे सवालों के जवाब देने में उनके पसीने छूट गए।
विजिलेंस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी और उनकी टीम ने कई बिंदुओं पर पूछताछ की। इसके लिए प्रश्नावली तैयार की गई थी। सूत्रों के अनुसार पी मित्रा से सबसे पहले सीडी के संबंध में पूछताछ की गई। मित्रा ने सभी सवालों के जवाब में न कहा। उन्होंने कहा कि यह शिकायत उनके खिलाफ साजिश है।
गृह विभाग के भी रहे एसीएस
एसीएस पद पर मित्रा के पास गृह विभाग का भी कार्यभार रहा। विजिलेंस उन्हीं के अधीन रही। सूत्रों के अनुसार उस समय उन्होंने विजिलेंस के अधिकारियों को तलब कर जांच खत्म करने के निर्देश दिए थे। बाद में इनकी तरक्की हो गई। मुख्य सचिव पद पर रहते भी शिकायत की जांच को ठंडे बस्ते में डाला गया। जांच एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट बनाई लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इन्कार कर दोबारा जांच के आदेश दिए।
वॉयस सैंपल व अन्य टेस्ट के लिए नहीं दी सहमति
विजिलेंस टीम ने पी मित्रा से कहा कि वॉयस सैंपल देने के लिए सहमति देंगे या फिर हम कोर्ट का सहारा लें? उनका बे्रन मैपिंग टेस्ट भी करवाया जा सकता है। लाई डिटेक्टर टेस्ट भी पक्का होगा। सूत्रों ने बताया कि मित्रा ने किसी भी प्रकार के टेस्ट करवाने के लिए हामी नहीं भरी।
सरकारी गाड़ी से आए मित्रा
पी मित्रा सोमवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर खलीनी के समीप राज्य विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो के मुख्यालय में अपनी सरकारी गाड़ी से पहुंचे। वह अकेले आए थे। उन्हें जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए तलब किया था। उनसे दोपहर बाद चार बजकर 40 मिनट तक पूछताछ हुई। उन्हें फिर तलब किया जा सकता है।
संदिग्धों से भी पूछताछ
विजिलेंस ने सात संदिग्ध आरोपितों को भी पूछताछ के लिए तलब किया था। इनमें पूर्व अधिकारी भी शामिल थे। दो शिकायतकर्ताओं को भी मुख्यालय बुलाया गया था। इन लोगों से भी पूछताछ की गई।
ये सवाल पूछे गए पी मित्रा से
’ क्या सीडी में आवाज आपकी ही है?
’ आपने राजस्व विभाग के प्रधान सचिव रहते धारा 118 के मामलों में कितनी स्वीकृतियां दीं? क्या इसके बदले रिश्वत भी ली?
’ सीडी में जिस बिचौलिये का जिक्र है, उसे आप कबसे जानते थे?
’ आपको पहली किस्त घर पर दी जानी थी या कार्यालय में? कितनी किस्तों में पैसा दिया जाना था? डील कितने की हुई थी?
दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए पी मित्रा 31 मई 2016 को सेवानिवृत्त हुए थे। पहली जून को उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर कार्यभार संभाला था। तब से वह इसी पद पर सेवाएं दे रहे हैं। उनसे पूछताछ के लिए विजिलेंस ने नोटिस दिया था। इसके आधार पर उनसे पूछताछ हुई।
क्या है मामला
गैर हिमाचलियों को धारा 118 के तहत प्रदेश में जमीन खरीदने की अनुमति दी जाती है। आरोप है कि पी मित्रा ने प्रधान सचिव (राजस्व) रहते भूमि राजस्व कानून की धारा 118 के नाम पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार का खेल खेला। सूत्रों के अनुसार वह गैर हिमाचली धन्नासेठों को बड़ोग बेल्ट में जमीन खरीदने के लिए अनुमति देने की एवज में लाखों की डील कर रहे थे। जांच एजेंसी द्वारा बिचौलिए का फोन टैप करने पर मित्रा फंस गए थे। इनके बीच हुए वार्तालाप को सीडी में कैद किया गया था।