शिमला के मालरोड व लोअर बाजार में पसरा सन्नाटा
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए रविवार को बाजार बंद कर
जागरण संवादददाता, शिमला : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए रविवार को बाजार बंद करने के फैसले का शहरवासियों ने गंभीरता से पालन किया। कोरोना के खतरे से खुद को बचाने के लिए अधिकतर लोग घरों में ही रहे। सुबह से ही शहर में लोगों की आवाजाही कम रही। बाजार सुनसान दिखे। रिज मैदान पर गिने चुने लोग आवाजाही करते दिखे। बाकी दिन भीड़ रहने वाले मालरोड एरिया में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा। इसके अलावा कई सार्वजनिक स्थानों पर भी सन्नाटा छाया रहा।
सब्जी, दूध और दवा की दुकानों के अलावा राशन और अन्य सामान की दुकानें बंद रहीं। शहर के सभी बाजार देर शाम तक बंद रहे। उपनगरों में भी सभी दुकानें बंद रहीं। बाजार बंद रहने के कारण कम ही वाहन सड़कों पर दिखे। आवश्यक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी पैदल और अपनी गाड़ियों में गंतव्य स्थान तक पहुंचे।
मालरोड, लक्कड़बाजार और रिज मैदान पर गिने चुने पर्यटक आवाजाही करते दिखे। नाइट कर्फ्यू के कारण शिमला में पर्यटकों की आवाजाही बेहद कम हो गई है। केवल पंजाब और दिल्ली से ही पर्यटक घूमने शिमला आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र से पर्यटकों की आवाजाही लॉकडाउन के बाद दोबारा शुरू हुई थी, वो फिर बंद हो गई है।
कई सब्जी की दुकानें रही बंद
शनिवार देररात को जिला प्रशासन की ओर से बाजार बंद संबंधी नोटिफिकेशन जारी हुई। इसमें सब्जी की दुकानें खोलने को मंजूरी दी गई थी। लेकिन देर रात जारी हुई नोटिफिकेशन की जानकारी न होने के कारण शहर के कई स्थानों में सब्जी की दुकानें बंद रहीं। ऐसे मे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं जिला प्रशासन की ओर से दूध, ब्रेड और दवाई की दुकानें खोलने की मंजूरी थी।
घर पर रहकर बिताया दिन
छुट्टी के दिन रविवार को शिमला के बाजारों में काफी भीड़ रहती थी। लोग बच्चों को घूमाने के लिए शहर के मंदिरों और बाजार का रूख करते थे। इस बार बाजार बंद के निर्देश के कारण लोगों ने रविवार का दिन घर पर रहकर बिताया। ज्यादातर लोगों ने घरों में टीवी देखकर दिन बिताया। कई लोगों ने अपने बच्चों के साथ लूडो व कैरम खेला।