होशियार की हत्या हुई या थी आत्महत्या, जल्द खुलेगा रहस्य
मंडी जिले के करसोग की सेरी कतांडा बीट के वनरक्षक होशियार सिंह की हत्या के मामले में सीबीआइ की एसआइटी करसोग में है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : मंडी जिले के करसोग की सेरी कतांडा बीट के वनरक्षक होशियार सिंह की कथित हत्या मामले में सीबीआइ जांच में तेजी आ गई है। सूत्रों के अनुसार सीबीआइ का विशेष जांच दल (एसआइटी) इंस्पेक्टर के नेतृत्व में करसोग पहुंच गया है। होशियार सिंह की हत्या हुई थी या फिर यह आत्महत्या थी, एसआइटी इस रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश करेगी। यह रहस्य जल्द खुलने की उम्मीद है। इस मामले में वन कटान से जुड़े दो केस की जांच पूरी हो गई है। इसमें चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है। अब सबसे अहम केस की तफ्तीश चलेगी। अभी तक जांच की दिशा होशियार की आत्महत्या के इर्द-गिर्द घूम रही है। सीबीआइ भी स्टेट सीआइडी के नक्शेकदम पर है। सीआइडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में इसे आत्महत्या का मामला करार दिया था। इसका चालान भी तैयार कर दिया था। इसे निचली कोर्ट में दाखिल करने से पहले हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। पुलिस ने होशियार की मौत मामले में पहले हत्या का मामला दर्ज किया था। मौके से बरामद बैग की तलाशी पुलिस ने दूसरे दिन ली थी। इसमें सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसे सीबीआइ जांच में तत्कालीन एसएचओ की बड़ी चूक माना गया है। इस संबंध में पुलिस अधिकारी से पूछताछ हो चुकी है लेकिन उन्हें आरोपित नहीं बनाया गया है। डीएफओ से भी पूछताछ
सीबीआइ पेड़ कटान के मामले में डीएफओ रैंक के एक अधिकारी से भी पूछताछ कर चुकी है। कुछ समय पूर्व एसआइटी ने अधिकारी से कई घंटे तक पूछताछ की थी। अवैध वन कटान के संबंध में सीबीआइ ने कुछ महीने पहले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया जो करसोग क्षेत्र के निवासी थे।
पेड़ से उल्टा लटका मिला था शव
होशियार सिंह पिछले साल सेरी कतांडा बीट में कार्यरत था। वह सात जून को लापता हो गया था। नौ जून को गरजूब के जंगल में उसका पेड़ से उल्टा लटका शव मिला था। मामले की पहले मंडी पुलिस ने जांच की। लेकिन लोग सड़क पर उतर आए। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंपा था। तीन सुसाइड नोट हुए थे बरामद
सीआइडी ने जांच के दौरान तीन सुसाइड नोट बरामद किए थे। इनमें वन काटुओं को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। वन विभाग ने भी अवैध तरीके से काटी गई लकड़ियों की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। एपीसीसीएफ रैंक के अधिकारी एचएस डोगरा ने जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी। इसमें सैकड़ों पेड़ कटे होने की बात सामने आई थी। सीबीआइ ने पिछले साल 26 अक्टूबर को हाईकोर्ट के आदेश के बाद तीन अलग-अलग केस दर्ज किए थे। इसमें एक केस हत्या का भी शामिल था।