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बसों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा

जिला शिमला में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 03:32 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 03:32 PM (IST)
बसों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा

जागरण संवाददाता, शिमला : जिला शिमला में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने लगा है। बसों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। शहर के लक्कड़ बाजार बस स्टैंड में बुधवार को नेरवा, करसोग और ठियोग की ओर जाने के लिए बसें सवारियों के इंतजार में खड़ी थीं। कंडक्टर सवारियों को बुलाने के लिए आवाज लगा रहे थे। इन बसों में गिने-चुने लोग बैठे थे। एकाएक संजौली की ओर से आई एक निजी बस रुकी और सवारियां उतरने लगीं। इसके बाद लोग अपने गंतव्य की ओर जाने वाली बसों की ओर बढ़ने लगे।

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बस स्टैंड पहुंची निजी टैक्सियों व पुराना बस स्टैंड की ओर से आने वाली बसों से और सवारियां उतरीं। थोड़ी देर में नेरवा व चौपाल जाने वाली बस में 80 से 90 फीसद सीटें भर गई। बस की सीटें पूरी भरने की लालसा में कंडक्टर अभी भी सवारियां बुलाने में लगा रहा। इसी प्रकार बाकी रूट पर जाने वाली अन्य बसों में 70 से 80 फीसद सीटें भर रही थीं और वे गंतव्य की ओर बढ़ीं। बसें 50 नहीं बल्कि फुल ऑक्यूपेंसी के साथ दौड़ रही हैं। वहीं, सरकारी व निजी बसों में ओवरलोडिग नहीं थम रही है। प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए 50 फीसद क्षमता के आधार पर बसें चलाने का निर्देश दिया है। बस ऑपरेटर मुनाफे के चक्कर में नियमों को ताक पर रखते हुए सवारियां भरते नजर आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए जारी दिशानिर्देश का उल्लंघन हो रहा है। सुबह व शाम बसों में भीड़

अधिकतर निजी बस संचालक मुनाफे के लिए बसों में ओवरलोडिग कर रहे हैं। थोड़े से फायदे के लिए बस चालक व परिचालक लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। संजौली, छोटा शिमला, कसुम्पटी, मैहली, ढली, कुफ्टाधार, पगोग, भराड़ी सहित विभिन्न क्षेत्रों की ओर जाने वाली बसों में सुबह व शाम खूब भीड़ होती है। लोग जल्दी के चक्कर में दूसरी बस का इंतजार करने के बजाय भीड़ वाली बस में चढ़ने से नहीं हिचकिचाते हैं। संक्रमण के साथ हादसे का भी डर

शिमला में अधिकतर सड़कें खस्ताहाल हैं। सड़कों पर पड़े गड्ढे हादसों को न्योता दे रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के साथ ओवरलोडिग लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। सड़कें खस्ताहाल होने के साथ भौगोलिक स्थिति अलग होने की वजह से बस हादसों की आशंका रहती है। हालांकि कुछ रूट पर नगर निगम शिमला ने पैचवर्क किया है लेकिन अब भी अधिकतर रूट बदहाल हैं।


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