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चंडीमंदिर से 14 घंटे में चीन सीमा तक पहुंचेगी सेना

शिमला तक फोरलेन बनने और जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपियो तक नेशनल हाईवे चौड़ा होने से सीमावर्ती क्षेत्र में सेना को पहुंचने में पांच घंटे कम लगेंगे।

By Edited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 09:46 AM (IST)
चंडीमंदिर से 14 घंटे में चीन सीमा तक पहुंचेगी सेना
चंडीमंदिर से 14 घंटे में चीन सीमा तक पहुंचेगी सेना

शिमला, राज्य ब्यूरो। अभी चीन सीमा तक पहुंचने में पश्चिम कमान चंडीमंदिर से 19 घंटे का समय लगता है। लेकिन शिमला तक फोरलेन बनने और जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपियो तक नेशनल हाईवे चौड़ा होने से सीमावर्ती क्षेत्र में सेना को पहुंचने में पांच घंटे कम लगेंगे। ऐसा इसलिए संभव होगा क्योंकि शिमला तक फोरलेन बनाने का काम तेजी से चल रहा है, जिसके फलस्वरूप वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी।

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दूसरा कारण यह है कि किन्नौर को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे को चौड़ा करने का काम भी जारी है। अहम बात यह है कि कैथलीघाट से ढली तक की दूरी 12 किलोमीटर कम हो जाएगी। आनंदपुर के साथ लगते क्षेत्र में करीब आठ सौ मीटर लंबी सुरंग बनने से यह संभव होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 2020 तक सुरंग बनाने का लक्ष्य रखा है। किन्नौर तक पहुंचने के लिए पांच-छह स्थानों पर नेशनल हाईवे को चौड़ा करने का कार्य दो वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उसके बाद चंडीमंदिर से शिमला ढाई घंटे के भीतर पहुंच सकेंगे।

देश के अंतिम जिला किन्नौर के आगे सड़क का रखरखाव सीमा सड़क संगठन के पास है। खाब क्षेत्र के आगे सभी जिम्मेदारियां सेना संभालती है। रिकांगपियो तक डबल लेन प्रदेश में चीन से लगते सीमा क्षेत्र तक बहुत जल्द और आसानी से भारतीय सेना पहुंच सकेगी। यह इसलिए मुमकिन होने वाला है, क्योंकि सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे-पांच ¨हदुस्तान-तिब्बत मार्ग को डबललेन करने का काम शुरू हो गया है।

इस काम पर केंद्र सरकार 150 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। झाकड़ी से रिकांगपिओ तक 100 किलोमीटर हाईवे के डबललेन का काम साल इस साल के अंत तक पूरा होने की आस है। इससे आम लोगों को भी सुविधा होगी और जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। झाकड़ी से रिकांगपिओ पहुंचने में अभी पांच से छह घंटे लगते हैं। वर्तमान नेशनल हाईवे के डबललेन होने से यह दूसरी दो से ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी। आरामदायक होगा सफर कैथलीघाट से शिमला की दूरी 40 किलोमीटर है।

मुख्य शहर में दाखिल होने से कई तरह की समस्याएं साथ चलती हैं। सुरंग निर्माण व केबल ब्रिज बनने से ढली तक की दूरी तीस किलोमीटर से भी कम रह जाएगी। अभी चंडीमंदिर से शिमला तक चार घंटे तक समय लगता है। शिमला से रामपुर तक चार घंटे और रामपुर से कौरिक तक आठ घंटे में पहुंचा जाता है। चंडीमंदिर से शिमला 90 किलोमीटर है और शिमला से कौरिक तक की दूरी साढ़े तीन सौ किलोमीटर है।


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