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कृषि व बागवानी को मिली संजीवनी

वीरवार को ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश को बागवानी और कृषि के लिए संजीवनी बताया जा रहा है। बारिश लंबे अंतराल के बाद हुई है। इससे जिन क्षेत्रों में अभी तक गेंहू व मटर आदि की बुआई नहीं हो सकी और पूरी तरह बारिश पर निर्भर है वहां पर बुआई हो सकेगी। हालांकि प्रदेश के

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:43 AM (IST)
कृषि व बागवानी को मिली संजीवनी
कृषि व बागवानी को मिली संजीवनी

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश में वीरवार को ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश से कृषि व बागवानी को संजीवनी मिली है। बारिश लंबे अंतराल के बाद हुई है। जिन क्षेत्रों में किसान बारिश पर निर्भर हैं, वहां वे अब गेहू व मटर आदि फसलों की बिजाई कर सकेंगे।

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प्रदेश में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां बारिश कम व कुछ जगह नहीं हुई है। ऐसे क्षेत्रों में गेहूं, मटर व अन्य फसलों की बिजाई के लिए अभी इंतजार करना होगा। प्रदेश में 9.60 लाख परिवार कृषि व बागवानी से जुड़े हैं। प्रदेश के कुल कृषि योग्य भूमि का 70 फीसद से अधिक क्षेत्र पूरी तरह बारिश पर निर्भर है।

कृषि विज्ञानी इस बारिश को बागवानी और कृषि के लिए बेहतर बता रहे हैं। मक्की और धान की कटाई के बाद खेतों के खाली होने के बाद बारिश न होने से नई फसलों की बिजाई का कार्य नहीं हो सका है। हिमाचल में रबी फसलों के अधीन आने वाला क्षेत्र

फसलें,क्षेत्र

गेहूं,3.60 लाख

जौ,19.50 हजार

दालें,12.50 हजार

सब्जियां,27.50 हजार

आलू,2.8 हजार

(क्षेत्र हेक्टेयर में)

गेहूं व मटर सहित अन्य फसलों की बिजाई अभी होनी है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में सिचाई की सुविधा नहीं है। ऐसे में बारिश होने से बिजाई का कार्य किया जा सकेगा।

-आरके कौंडल, निदेशक, कृषि विभाग


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