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विधानसभा में इस बार राजपूतों का वर्चस्व

प्रदेश के दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा ने विधानसभा तक पहुंचने के लिए राजपूतों पर ज्यादा भरोसा किया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 20 Dec 2017 10:41 AM (IST)Updated: Wed, 20 Dec 2017 10:41 AM (IST)
विधानसभा में इस बार राजपूतों का वर्चस्व
विधानसभा में इस बार राजपूतों का वर्चस्व

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस बार राजपूतों का वर्चस्व है। 68 विधानसभा सीटों में से 37 पर राजपूत नेताओं ने कब्जा जमाया है। करीब 55 फीसद राजपूत विस में होंगे, जबकि 16 विधायक अनुसूचित जाति के विधानसभा में पहुंचे हैं। यूं तो विधानसभा में हमेशा राजपूतों का दबदबा रहता

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है, लेकिन इस बार संख्या में इजाफा हुआ है। 

प्रदेश के दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा ने विधानसभा तक पहुंचने के लिए राजपूतों पर ज्यादा भरोसा किया है। हिमाचल प्रदेश की सत्ता को साधने के लिए भाजपा ने राजपूत और ब्राह्मïण कार्ड खेला था, जिसके लिए मंडी से कांग्रेस के दिग्गज नेता और ब्राह्मïण परिवार सुखराम के परिवार को भाजपा में शामिल किया गया। यही जातीय समीकरण भाजपा को पूर्ण बहुमत तक ले गए। भाजपा ने हिमाचल  प्रदेश में कुल 44 सीटों पर जीत हासिल की है और इनमें से 48 फीसद राजपूत विधानसभा पहुंचे है। इस बार विधानसभा में एससी-16,ब्राह्मण-5, ओबीसी-3, एसटी-3 और अन्य की चार सीटें आई।

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