गांधी केवल नाम नहीं, विचार व एक आंदोलन : बंडारू दत्तात्रेय
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का कहना है कि मोहन दास कर्मचंद गांधी केवल नाम नहीं बल्कि एक विचार व एक आंदोलन हैं। वह ज्ञान त्याग तपस्या सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। भारतीय संस्कृति उनकी आत्मा में बसती थी। उन्होंने ग्राम स्वराज को महत्व दिया। आज संपूर्ण विश्व एक ऐसे दौर से गुजर रहा है। जहां लोगों को पर्यावरण में बदलाव अशांति गंदगी अराजकता जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। हर व्यक्ति आगे बढ़ने की होड़ में लगा हुआ है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का कहना है कि मोहन दास कर्मचंद गांधी केवल नाम नहीं बल्कि एक विचार व एक आंदोलन हैं। वह ज्ञान, त्याग, तपस्या, सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। भारतीय संस्कृति उनकी आत्मा में बसती थी। उन्होंने ग्राम स्वराज को महत्व दिया। आज संपूर्ण विश्व एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां लोगों को पर्यावरण में बदलाव, अशांति, गंदगी, अराजकता जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। हर व्यक्ति आगे बढ़ने की होड़ में लगा हुआ है। राजभवन में आयोजित गांधी कथा के दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने लोगों से गांधी जी के सत्य, अहिसा, त्याग और तपस्या के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जीवन की अंतिम सांस तक दुनिया को नया संदेश दिया। सही मायनों में उनका संपूर्ण जीवन ही संदेश है। उन्होंने अपना जीवन एक कर्मयोगी की तरह बिताया। ऐसी महान आत्मा अपने आदर्शो, विचारों से सदैव जिंदा रहती हैं और पग-पग पर समाज का मार्गदर्शन करती रहती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से गांधी जी के विचारों को आगे बढ़ाने और उन्हें जन-आंदोलन का हिस्सा बनाने का जो कार्य किया है वह सही अर्थों में गांधी के भारत की परिकल्पना है। गांधी जी ने युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का जो संदेश दिया उसे अमल में लाने की जरूरत है।
इस अवसर पर प्रमुख गांधीवादी डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने गांधी जीवन और दर्शन पर विस्तृत प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव अनिल खाची और भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक मकरंद परांजपे भी इस अवसर पर उपस्थित थे।