जल बचाएगा हमारा कल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल शक्ति अभियान से हिमाचल के विद्यालय भी सबक सीखेंगे। राज्य का स्कूल शिक्षा बोर्ड मोदी की सोच को धरातल पर उतारेगा। बोर्ड विद्यार्थियों में जल संग्रहण के संस्कार बोएगा।
रमेश सिगटा, शिमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल शक्ति अभियान से हिमाचल के स्कूल भी सबक सीखेंगे। राज्य का स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रधानमंत्री की सोच को धरातल पर उतारेगा। विद्यार्थियों में जल संग्रहण के संस्कार बोए जाएंगे। इसके लिए महत्वाकांक्षी परियोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार 1980 स्कूलों में अनोखी पहल होगी। यह बोर्ड के परीक्षा केंद्र भी हैं, इस कारण वर्षा जल संरक्षण की शुरुआत यहीं से होगी।
सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूलों के करीब दो लाख विद्यार्थियों को इस तरह के संस्कार दिए जाएंगे, जिससे वह पढ़ाई के साथ बारिश के पानी को बचाने में सक्रिय योगदान देंगे। विद्यार्थी और शिक्षक स्कूलों से सीख लेकर अभिभावकों को घरों में पानी बचाने का ककहरा सिखाएंगे। इससे स्कूलों से आरंभ मुहिम बच्चों के जरिये पूरे समाज में फैलेगी। परियोजना को स्वीकृति के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। इसे इसी माह शुरू करने की योजना है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के हाथों से होगी। स्कूलों में वर्षा जल एकत्र करने के लिए भंडारण टैंक बनाए जाएंगे। इसके लिए फंड स्कूल शिक्षा बोर्ड मुहैया करवाएगा। अब पेयजल केवल पीने के लिए ही इस्तेमाल होगा। अभी तक इसे स्कूलों के शौचालयों की साफ-सफाई के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। बारिश के पानी का फुलवाड़ी में भी प्रयोग होता है। जब टैंक स्थापित होंगे तो उससे जमा पानी से स्कूल परिसरों में भी हरियाली आ सकेगी। यह पानी परिसर में रोपे पौधों और फूलों की सिचाई के काम भी आएगा। स्कूलों से निकले मोती भी देंगे योगदान
संबंधित स्कूलों से शिक्षा ग्रहण कर समाज में नाम कमा चुके लोग (मोती) भी जल संरक्षण योजना में अहम भूमिका निभाएंगे। वे इस अभियान को और धार देंगे। उनके माध्यम से स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित होगी। स्कूलों में इस पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। इनमें सफलता की इबारत लिख चुके नामी लोगों को भी बुलाया जाएगा। यानी जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन बनाया जाएगा। बढ़ेगा भूजल स्तर
वर्षा जल संग्रहण से भूजल स्तर भी बढ़ेगा। टैंकों में जमा पानी स्कूलों के साथ लगते सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी उपयोग में लाया जा सकेगा। इस दिशा में परियोजना में कुछ ठोस कदम उठाए जाने प्रस्तावित हैं।
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दस जमा दो और हाई स्कूलों में वर्षा जल संग्रहण के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसे अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। प्रोजेक्ट इसी माह सरकार से स्वीकृत करवाया जाएगा। इसकी सोच जल शक्ति अभियान से आई है। यह बच्चों में जल बचाने के संस्कार पैदा करेगा। इसके तहत टैंक भी स्थापित होंगे। परीक्षा केद्रों वाले स्कूलों से इसकी शुरुआत होगी।
-डॉ. सुरेश सोनी, अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला