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वर्षा के बाद सेब मंडी पहुंचाने की चुनौती

जिला शिमला में सेब सीजन अब चरम पर है लेकिन वर्षा के कारण ग्रामीण इलाकों की सड़कों की हालत काफी खराब हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Jul 2022 04:01 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2022 04:01 PM (IST)
वर्षा के बाद सेब मंडी पहुंचाने की चुनौती
वर्षा के बाद सेब मंडी पहुंचाने की चुनौती

जागरण संवाददाता, शिमला : जिला शिमला में सेब सीजन अब चरम पर है, लेकिन वर्षा के कारण ग्रामीण इलाकों से सेब मंडियों तक पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। वर्षा के बाद सड़कों की हालत काफी खराब हो गई है, जिससे वाहन चलाना भी खतरे से खाली नहीं है। कई सड़कें भूस्खलन से बंद हैं, तो कई मार्गो पर सफर करना काफी जोखिमभरा हो गया है।

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ऊपरी शिमला के नारकंडा, रोहड़ू, जुब्बल, कोटखाई सहित कई अन्य स्थानों पर ऐसी संपर्क सड़कें हैं जो वर्षा के कारण काफी खराब हालत में हो गई हैं। कई सड़कों का तो एक हिस्सा बैठ गया है या बारिश के साथ बह गया है। बागवानों को अब यह चिता सता रही है कि इन सड़कों से अपनी फसल कैसे मंडी तक पहुंच जाएगी। पूरे साल की मेहनत पेड़ों पर है। बागवान लगातार ही सरकार से मांग कर रहे हैं कि सड़कों की हालत में सुधार किया जाए। इस बार कुफरी व शिमला की अधिकतर मुख्य सड़कें तो अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन वर्षा ने संपर्क सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। शनिवार शाम थानाधार-नारकंडा मार्ग पर मलबा गिरने से सड़क पूरी तरह से बंद हो गई थी। इस मार्ग से सेब ले जाने वाले बागवानों को सड़क के बहाल होने का इंतजार करना पड़ा।

ठियोग के शिवा गांव के पंकज वर्मा ने बताया कि सेब सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन वर्षा के कारण सड़क पूरी तरह से टूट गई है। इसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ठियोग के सरीवन गांव के संदीप वर्मा ने बताया कि गांव की सड़कों के हाल काफी खराब हैं। खराब सड़कों के कारण बागवानों को फसल मंडी तक पहुंचाने की चिंता हो रही है।


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