कमेटी गठित किए बिना ही बना दिए प्रधानाचार्य
हिमाचल के 45 निजी कॉलेजों में प्रधानाचार्यो की नियुक्ति में बड़ी अ
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल के 45 निजी कॉलेजों में प्रधानाचार्यो की नियुक्ति में बड़ी अनियमितता बरती है। इनकी नियुक्ति के लिए नियमों को पूरी तरह से दरकिनार किया गया। 24 के करीब कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने प्रधानाचार्यो की नियुक्ति के लिए न तो कमेटी गठित की, न ही मान्यता देने वाले विश्वविद्यालयों को सूचित किया। अपनी मर्जी से ही प्रधानाचार्य की नियुक्ति कर दी गई। कई कॉलेजों में तो मालिक खुद ही प्रधानाचार्य बन बैठे हैं। इनमें कईयों के पास अकादमिक डिग्री तो है, लेकिन प्रधानाचार्य बनने के लिए अनुभव नहीं है। कई प्रधानाचार्यो की उम्र 60 साल से अधिक है।
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की जांच रिपोर्ट में यह सामने आया है। हालांकि अभी केवल 61 कॉलेजों के ही दस्तावेजों को खंगाला गया है, इनमें से 16 ही योग्य पाए गए हैं। अभी 110 कॉलेजों के खिलाफ जांच चल रही है।
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दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया
जिन कॉलेजों के प्रधानाचार्य अयोग्य करार दिए गए हैं, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। दो सप्ताह के भीतर इन कॉलेजों के प्रधानाचार्य व प्रबंधन को अपना जवाब देने को कहा गया है। आयोग का कहना है कि जांच में दोनों पक्षों को देखा जाएगा। हो सकता है कि आयोग की ही जांच में कोई खामी रह गई हो।
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समन जारी, जल्द करे कुलपति की नियुक्ति
नियामक आयोग ने हिमाचल प्रदेश के पांच निजी विश्वविद्यालयों को समन जारी किए हैं। इन्हें कहा गया है कि अभी तक नए कुलपतियों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई है। नियुक्ति की प्रक्रिया में देरी क्यों की जा रही है। आयोग ने नियुक्ति की प्रक्रिया की पूरी जानकारी आयोग के साथ साझा करने के निर्देश दिए हैं। इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार देने के बाद पद से हटा दिया गया था। तीन विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति कर दी गई है।
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कुछ कॉलेजों के प्रधानाचार्यो की नियुक्ति नियमों के अनुसार नहीं हुई है। प्रधानाचार्यो और प्रबंधन को दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। इसके बाद मामले में आगामी कार्रवाई होगी।
-अतुल कौशिक, अध्यक्ष, निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग।